उत्तराखंड देहरादूनEx soldier vikram singh bhandari initiative

‘एक फौजी कभी रिटायर नहीं होता’, देवभूमि के पूर्व फौजी ने इस बात को साबित कर दिया

विक्रम सिंह फौज से रिटायर हो गए हैं, पर उनका मिशन समाजसेवा अब भी जारी है....पढ़िए ये प्रेरणादायक कहानी

vikram singh bhandari: Ex soldier vikram singh bhandari initiative
Image: Ex soldier vikram singh bhandari initiative (Source: Social Media)

देहरादून: उत्तराखंड के लोगों में देशसेवा का जज्बा कूट-कूटकर भरा है। पहाड़ के हर घर में फौजी है, और ये फौजी रिटायरमेंट के बाद भी देश के प्रति, समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाते हैं। उत्तराखंड में ऐसे कई पूर्व फौजी हैं जो रिटायरमेंट के बाद समाज की तस्वीर बदलने में जुटे हैं। इनकी कोशिशों के अच्छे नतीजे भी दिख रहे हैं। ऐसे ही पूर्व फौजी हैं विक्रम सिंह भंडारी, पहाड़ के युवाओं के लिए ये जो कर रहे हैं, वो जानकर आप भी इन्हें सैल्यूट करेंगे। विक्रम सिंह भंडारी मुहिम ‘घर-घर फौजी, हर घर फौजी’ को लेकर चर्चा में हैं। इस मुहिम को सफल बनाने के लिए उन्होंने रानीपोखरी में ट्रेनिंग कैंप शुरू किया है। कैंप में उन युवाओं को ट्रेनिंग दी जाती है, जो फौज में भर्ती होना चाहते हैं। इस मुहिम में विक्रम सिंह भंडारी अकेले नहीं हैं। उनके साथ विनोद जोशी, प्रशांत यादव और सुनील यादव भी जुड़े हैं। ये सभी पूर्व सैनिक हैं। रानीपोखरी मे चल रहे कैंप मे इस वक्त सौ से ज्यादा युवा निशुल्क ट्रेनिंग ले रहे हैं।

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विक्रम सिंह को ये कैंप शुरू करने का आइडिया कैसे आया, ये भी बताते हैं। पहाड़ के युवा नशे की गिरफ्त में हैं, ये बात हम सभी जानते हैं। विक्रम भी इस बात को लेकर फिक्रमंद थे। वो चाहते थे कि युवाओं के लिए कुछ ऐसा किया जाए कि उनकी जिंदगी को मकसद मिले। इसी सोच ने उन्हें ‘घर-घर फौजी, हर घर फौजी’ मुहिम शुरू करने का आइडिया दिया। अब वो क्षेत्र के युवाओं को हर रोज सुबह और शाम दो घंटे की ट्रेनिंग देते हैं। सुबह की ट्रेनिंग क्लास साढ़े छह बजे और शाम वाली 5 बजे शुरू होती है। विक्रम साल 1998 में सेना में भर्ती हो गए थे। उनके पिता भी फौज में थे। 16 साल सेना में रहने के बाद साल 2015 में उन्होंने रिटायरमेंट ले लिया। विक्रम नशे के लिए बदनाम रानीपोखरी क्षेत्र की छवि बदलना चाहते हैं, साथ ही युवाओं को स्वस्थ जीवन और बेहतर भविष्य देने के लिए प्रयासरत हैं।