उत्तराखंड देहरादूनASHISH DANGWAL TEACHER UTTARAKHAND

शिक्षक आशीष डंगवाल ने उत्तराखंड के नाम एक प्यारा सा संदेश दिया है..आप भी पढ़िए

आशीष डंगवाल...उत्तराखंड के इस शिक्षक को हाल ही में आपने बहुत सारा प्यार दिया है। अब आशीष ने हर उत्तराखंडी के नाम एक संदेश दिया है। आप भी पढ़िए

उत्तराखंड न्यूज: ASHISH DANGWAL TEACHER UTTARAKHAND
Image: ASHISH DANGWAL TEACHER UTTARAKHAND (Source: Social Media)

देहरादून: हाल ही में उत्तरकाशी के भंकोली गांव के लोगों ने एक शिक्षक को ऐसी विदाई दी, जिसके बारे में सुनकर हर किसी की आंखें भर आई। सरकारी स्कूल के शिक्षक आशीष डंगवाल को विदाई देने के लिए गांव के लोगों ने ढोल-नगाड़ों के साथ जुलूस निकाला। इस जुलूस में केवल स्कूली बच्चे और स्कूल स्टाफ ही नहीं था। गांव के बुजुर्ग, पुरुष और महिलाएं भी थीं। पूरा गांव शिक्षक को विदा करने के लिए निकल पड़ा। गांव वालों की आंखें नम थी, रुंधे गले से शब्द नहीं निकल रहे थे। ये देख शिक्षक आशीष डंगवाल की भी आंखें भर आईं। इस विदाई में अपनापन था, प्रेम था, शुद्ध भाव थे...आशीष डंगवाल जीआईसी भंकोली में शिक्षक के तौर पर तैनात थे, अब उनका ट्रांसफर हो गया है। एक तरफ उत्तराखंड के सरकारी स्कूल हाशिए पर चले गए हैं, सैकड़ों स्कूलों पर ताला लटका है। दूसरी तरफ आशीष डंगवाल जैसे शिक्षक उम्मीद जगाते हैं। जो प्यार-स्नेह, आत्मीयता आशीष ने बच्चों पर लुटाई, उसे बच्चों और ग्रामीणों ने लाख गुना कर के उन्हें लौटाया। अब आशीष डंगवाल ने उत्तराखंड के लोगों के लिए एक संदेश दिया है।

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आशीष डंगवाल लिखते हैं कि ‘‘जब मैंने अपनी विदाई की तसवीरें फेसबुक पर शेयर की तो कभी कल्पना नहीं की थी कि मेरे प्रति केलसु घाटी के लोगों की भावनाएं 2 दिन में ही पूरे उत्तराखंड की भी जनभावनाएँ बन जाएंगी। आपके हजारों मैसेज का मैं अभी जबाब नहीं दे पा रहा हूँ इसके लिए खेद है। उत्तराखंड के विभिन्न न्यूज़ चैनल, अखबार,facebook pages और news portals,रेडियो, और सब लोगों ने जो प्यार व सम्मान दिया उसे पाकर मैं और मेरे बच्चे मेरी कर्मभूमि केलसु अभिभूत हुई। मैं एक सामान्य परिवार से आता हूं और बस अपनी नौकरी कर रहा हूँ, उत्तराखंड में सैकड़ों शिक्षक हैं जो मुझसे भी कई गुना बेहतर कार्य कर रहे हैं उनसे बहुत कुछ सीखने की मेरी इच्छा है। मैं इस फेसबुक पोस्ट के माध्यम से अपने सभी प्यारे बच्चों, छोटे-बड़े,भाई-बहनों, प्रशंसकों, स्नेहिलजनों,आदरणीयों का तह दिल से आभार व्यक्त करना चाहता हूं कि उन्होंने मुझ अकिंचन को इतना प्रेम औऱ सम्मान के योग्य समझा किंतु निवेदन है कि मुझे सिर्फ एक आम शिक्षक के रूप में ही देखें। जिस तरह से आप सभी लोगों ने मेरी एक आदर्श शिक्षक की छवि गढ़ दी है अब मेरे ऊपर बहुत जिम्मेदारी आ गई है मैं अपनी ओर से पूरा प्रयास करूंगा कि मैं आपकी आकांक्षाओं,आपकी उम्मीदों पर खरा उतर सकूं। आप सभी के आशीर्वाद का आकांक्षी...आपका आशीष डंगवाल’’