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उत्तरकाशी में हेलीकॉप्टर हादसों के बाद एक्शन में आया डीजीसीए, ले लिया बड़ा फैसला

उत्तरकाशी में आपदा राहत कार्य में लगे दो हेलीकॉप्टर क्रैश होने के बाद डीजीसीए ने हेली सेवाओं पर रोक लगा दी थी, अब डीजीसीए एक शर्त पर मान गया है...

उत्तराखंड न्यूज: dgca new guidline for uttarakhand
Image: dgca new guidline for uttarakhand (Source: Social Media)

: उत्तराखंड में पहाड़ और हादसे एक-दूसरे का पर्याय बन गए हैं। सड़कों पर सफर पहले ही मुश्किल भरा है, लेकिन पहाड़ों का एयर स्पेस भी सुरक्षित नहीं। उत्तरकाशी में आपदा के वक्त राहत कार्य में लगे दो हेलीकॉप्टर क्रैश हो चुके हैं। एक हादसे में पायलट समेत तीन लोगों की जान चली गई थी। दूसरे हादसे में पायलट और उसके साथी की जान बाल-बाल बची। इन हादसों को देखते हुए डायरेक्टर जनरल सिविल एविएशन ने कहा है कि प्रदेश में अब हेली सेवाओं के जरिए आपदा राहत कार्य सीधे उनकी निगरानी में ही संचालित किए जाएंगे। आपको बता दें कि हेलीकॉप्टर हादसों के बाद डीजीसीए ने इन हवाई सेवाओं को निलंबित कर दिया था। शनिवार को प्रदेश सरकार ने अपना पक्ष डीजीसीए के सामने रखा। जिसके बाद कहीं जाकर डीजीसीए ने राहत कार्यों के लिए सशर्त हेली सेवा संचालन की परमिशन दी है। डीजीसीए ने प्रदेश सरकार से कहा है कि जब तक हेली सेवाओं के संचालन के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर नहीं बनाए जाते, तब तक राहत कार्यों में हेली सेवाएं उनकी निगरानी में संचालित होंगी।

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इस वक्त आपदाग्रस्त उत्तरकाशी में हेली सेवाओं के जरिए मदद पहुंचाई जा रही है। राहत कार्य के दौरान दो हेलीकॉप्टर क्रैश हो चुके हैं। 21 अगस्त को हुए हादसे में हेलीकॉप्टर के पायलट और को-पायलट समेत तीन लोगों की मौत हो गई थी। शुक्रवार को भी एक हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था। हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी थी। डीजीसीए के अधिकारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया था। जिसके बाद राहत कार्यों में हेली सेवाओं के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई थी। शनिवार को उत्तराखंड नागरिक उड्डयन प्राधिकरण और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों ने डीजीसीए के सामने अपना पक्ष रखा। साथ ही ये भी बताया कि सुरक्षित हवाई सेवाओं के लिए क्या-क्या इंतजाम किए गए हैं। प्रदेश सरकार का पक्ष सुनने के बाद डीजीसीए ने राहत कार्यों में हेली सेवाओं के संचालन की अनुमति दे दी है। पर साथ ही ये भी कहा है कि आपदा के वक्त हेली सेवाएं केवल डीजीसीए के फ्लाइट ऑपरेटिंग इंस्पेक्टर की सीधी निगरानी में ही संचालित की जाएंगी।