उत्तराखंड देहरादूनsandeep thapa last good bye

देवभूमि के वीर सपूत को आखिरी सलाम, पिता ने दी मुखाग्नि..रो-रोकर बेसुध हुईं पत्नी

शहीद संदीप थापा का प्रेमनगर के मोक्षधाम में अंतिम संस्कार हुआ, शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए हजारों लोग पहुंचे थे...

उत्तराखंड न्यूज: sandeep thapa last good bye
Image: sandeep thapa last good bye (Source: Social Media)

देहरादून: जिस बेटे को बाहों में भर कर खिलाया हो, उस बेटे की चिता को मुखाग्नि देने से बड़ा दुख एक पिता के लिए कोई और नहीं हो सकता। जम्मू-कश्मीर में शहीद हुए जवान संदीप थापा की चिता को मुखाग्नि देते वक्त पिता भगवान सिंह फफक-फफक कर रो पड़े। हर आंख में आंसू थे। रविवार को जब शहीद संदीप थापा का पार्थिव शरीर दून स्थित उनके घर पहुंचा तो परिवार में कोहराम मच गया। मां किसी तरह हिम्मत जुटा रही थी, बहू को संभालने की कोशिश कर रही थी, पर जब बेटे की निर्जीव देह तिरंगे में लिपटी हुई आई, तो उनका साहस जवाब दे गया। बेटे को तिरंगे में लिपटा देख मां राधा देवी पछाड़ खाकर गिर गईं। लोगों ने उन्हें बड़ी मुश्किल से संभाला। यही हाल शहीद संदीप थापा की पत्नी निशा का भी था। वो रो-रोकर बेसुध हो गईं। लोग उन्हें ढांढस बंधाते रहे। शहीद की अंतिम यात्रा में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी शहीद के गांव पहुंच कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। हजारों लोग शहीद को अंतिम विदाई देने पहुंचे थे।

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अंतिम यात्रा में संदीप थापा अमर रहे, वंदे मातरम और भारत माता की जय के नारे गूंजते रहे। शाम पांच बजे प्रेमनगर स्थित मोक्षधाम में शहीद का अंतिम संस्कार हुआ। पिता भगवान सिंह ने बेटे की पार्थिव देह को मुखाग्नि देकर अंतिम विदाई दी। इससे पहले रविवार दोपहर डेढ़ बजे शहीद का पार्थिव शरीर सेना के हेलीकॉप्टर से जौलीग्रांट एयरपोर्ट लाया गया। जहां सेना के अधिकारियों, जवानों और परिजनों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। यहां से पार्थिव देह को सहसपुर स्थित राजावाला गांव भेजा गया। जहां हजारों लोगों ने शहीद के अंतिम दर्शन किए, देश के लिए अपने प्राण देने वाले जवान को श्रद्धांजलि दी। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ ही दूसरे नेता और अधिकारी भी शहीद को अंतिम विदाई देने पहुंचे थे। आपको बता दें कि शनिवार को जम्मू-कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में पाक ने भारी गोलाबारी की, जिसमें देहरादून के रहने वाले लांसनायक संदीप थापा शहीद हो गए थे।