उत्तराखंड देहरादूनstory of uttarakhand martyer sandeep thapa

उत्तराखंड शहीद संदीप के खून में थी देशभक्ति, 4 पीढ़ियों से सेना को समर्पित है परिवार

जवान संदीप और उनके छोटे भाई नवीन नौशेरा सेक्टर में एक साथ पाक सेना को मुंहतोड़ जवाब दे रहे थे, इसी दौरान हमले में संदीप शहीद हो गए...

उत्तराखंड न्यूज: story of uttarakhand martyer sandeep thapa
Image: story of uttarakhand martyer sandeep thapa (Source: Social Media)

देहरादून: सोचिए उस भाई पर क्या गुजरी होगी, जिसे अपने सैनिक भाई की शहादत की खबर खुद अपने माता-पिता को देनी पड़ी हो। लांसनायक संदीप थापा के भाई नवीन थापा को दिल पर पत्थर रख कर ऐसा करना पड़ा। नवीन ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि बड़ा भाई संदीप उन्हें यूं छोड़ कर चला जाएगा। नवीन भी सेना में हैं और इन दिनों वो अपने भाई संदीप के साथ गोरखा राइफल में राजौरी सेक्टर के नौशेरा में ही तैनात थे। शनिवार को वो भी संदीप के साथ पाक सेना की गोलाबारी के खिलाफ जवाबी कार्रवाई कर रहे थे। तभी संदीप थापा घायल हो गए, उन्हें अस्पताल ले जाया गया। पर संदीप की जान बच नहीं सकी। जैसे ही सेना के अधिकारियों ने संदीप की शहादत की सूचना नवीन को दी, वो फफक-फफक कर रो पड़े। इसी बीच संदीप के परिजनों को भी खबर मिल गई कि राजौरी सेक्टर के नौशेरा में संदीप नाम का जवान शहीद हुआ है, वो अनहोनी की आशंका से डर गए। सूचना की पुष्टि नहीं हो पाई तो संदीप के पिता संदीप की रेजिमेंट में तैनात एक जवान के घर गए। उससे छोटे बेटे नवीन से बात कराने को कहा।

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पिता भगवान सिंह ने नवीन से बात कि तो उसकी आवाज भर्राई हुई थी, गला रुंधा था, हिम्मत जुटाकर नवीन ने उन्हें बड़े भाई की शहादत की खबर दी। जिसे सुन पिता भगवान सिंह सन्न रह गए। जैसे-तैसे उन्होंने खुद को संभाला और घर पहुंच कर बेटे की शहादत की सूचना पत्नी और बेटी को दी। संदीप की शहादत की खबर मिलते ही परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। शहीद संदीप का परिवार देशसेवा की मिसाल है। उनकी चार पीढ़ियों ने देश की सेवा में अपना योगदान दिया है। शहीद संदीप के परदादा इंडियन आर्मी में थे। दादा लक्ष्मण सिंह ने भी बतौर सूबेदार सेना में अपनी सेवाएं दीं। पिता भगवान सिंह भी सेना में हवलदार रहे हैं। ये परंपरा संदीप और उनके भाई नवीन भी निभा रहे हैं। नवीन थापा भी सेना का हिस्सा हैं। शहीद के पिता भगवान सिंह की आंखें नम हैं, गला भर्राया हुआ है। उन्हें बेटे की शहादत पर गर्व है, लेकिन पाक की नापाक हरकत पर गुस्सा भी...वो कहते हैं कि दोनों बेटों को फौज में भेजते वक्त ही उन्होंने बेटों को भारत माता की सेवा के लिए समर्पित कर दिया था। उन्हें गर्व है कि उनका बेटा देश के काम आया। लेकिन पाकिस्तान की कायराना हरकतों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। बार-बार सीजफायर का उल्लंघन कर पाकिस्तान सेना के जवानों का मनोबल तोड़ रहा है। भारत सरकार को पाकिस्तान को कड़ा सबक सिखाना चाहिए, यही जवानों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।