उत्तराखंड mandeep singh rawat story

देवभूमि के वीर सपूत को बहादुरी पुरस्कार, गुरेज सेक्टर में दो आतंकियों को मार गिराया था

वीरोंं की भूमि उत्तराखंड के कई जांबाज ऐसे रहे हैं, जिन्हें इस बार वीरता पुरस्कारों से नवाज़ा गया है। इन्हीं में से एक हैं मनदीप सिंह रावत

उत्तराखंड न्यूज: mandeep singh rawat story
Image: mandeep singh rawat story (Source: Social Media)

: दिल में सरहद की सुरक्षा का हौसला और मन में अपने परिवार का ख्याल। एक बूढ़ी मां, जो घर में बैठी है। एक भाई, जो सरहद पर भारत मां की सुरक्षा में तैनात है। बेटा मां को फोन करता है कि और कहता है कि ‘मां अपना ख्याल रखना’। बस इसके बाद खबर आती है कि वो शहीद हो गया। उत्तराखंड ने 7 अगस्त 2018 को अपने लाल मनदीप सिंह रावत को खो दिया। 38वीं राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात कोटद्वार के शिवपुर निवासी राइफलमैन मनदीप सिंह रावत साल 2018 में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए।मनदीप और उनके साथी जवानों ने जम्मू-कश्मीर के बांदीपुरा गुरेज सेक्टर में दो आतंकवादियों को मार गिराया था। तभी दुश्मनों की ओर से हुई जवाबी फायरिंग में मनदीप शहीद हो गए। 36वीं आरआर राइफल के शहीद राइफलमैन मनदीप रावत को मरणोपरांत बहादुरी पुरस्कार मिलेगा। 12वीं कक्षा पास करने के बाद वर्ष 2012 में वह गढ़वाल राइफल में भर्ती हो गए।

ये भी पढ़ें:

यह भी पढें - उत्तराखंड का लाल...आखिरी बार मां से कहा ‘अपना ध्यान रखना’..और शहीद हो गया
उनकी पहली तैनाती 15वीं गढ़वाल राइफल्स में हुई।फौज में बेहतर प्रदर्शन होने के कारण उन्हें कोटद्वार के कौड़िया कैंप में पीटी प्रशिक्षक पद पर नियुक्ति दी गई। छह माह पहले ही उनकी तैनाती जम्मू-कश्मीर में 38वीं राष्ट्रीय राइफल्स में की गई थी। मनदीप के छोटे भाई सुदीप रावत भी जम्मू-कश्मीर राइफल्स में जम्मू में तैनात हैं।28 साल के इस सैनिक का परिवार भी सेना से ही ताल्लुक रखता है। अपने पिता से ही मनदीप ने देशभक्ति सीखी थी। जम्मू-कश्मीर के बांदीपुर के गुरेज सेक्टर में हुई घटना के बाद जैसे ही परिजनों की इस बात की जानकारी मिली तो पिता बूथी सिंह और मां सुमा देवी के आंसू थम नहीं पाए। अपने जवान बेटे को देश की रक्षा के खातिर शहीद होने का भले ही माता पिता को गर्व है लेकिन कम उम्र में बच्चे का वीर गति को प्राप्त होने पर दुःख होना स्वाभाविक है। धन्य हैं देवभूमि के ऐसे वीर सपूत, जिन्होंने अपना सब कुछ मातृभूमि के लिए न्योछावर कर दिया।