उत्तराखंड रुद्रप्रयागSTORY OF NOOTAN VASHISHTH OF RUDRAPRAYAG

शाबाश नूतन..गढ़वाल की पहली NCC कैडेट, जिसने लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया नाम

रुद्रप्रयाग के छोटे से गांव गुनाउं की रहने वाली नूतन सेमवाल को इस साल के तीलू रौतेली सम्मान से नवाजा गया है, आप भी उन्हें बधाई दें...

उत्तराखंड न्यूज: STORY OF NOOTAN VASHISHTH OF RUDRAPRAYAG
Image: STORY OF NOOTAN VASHISHTH OF RUDRAPRAYAG (Source: Social Media)

रुद्रप्रयाग: पहाड़ की बेटियां पहाड़ जैसा हौसला रखती हैं। इनके हौसले के आगे हर चुनौती को हार मानना ही पड़ता है। अगर बेटों की चाह में ये बेटियां इस दुनिया में ना आतीं तो आज हमारा पहाड़ भी नहीं बचता। उत्तराखंड आंदोलन हो या फिर जंगलों को बचाने के लिए चला चिपको आंदोलन...हर बदलाव की नींव इन्हीं बेटियों ने रखी। पहाड़ की ऐसी ही जीवट बिटिया है रुद्रप्रयाग की रहने वाली नूतन वशिष्ट, हाल ही में नूतन को तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित किया गया। तीलू रौतेली पुरस्कार उत्तराखंड का सबसे बड़ा महिला सम्मान है। दून में हुए एक कार्यक्रम में राज्यपाल बेबी मौर्य और बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने रुद्रप्रयाग की नूतन को तीलू रौतेली पुरस्कार प्रदान किया। नूतन रुद्रप्रयाग के दूरस्थ गांव गुनाउं की रहने वाली है। वो पर्वतारोही हैं और प्रदेश में पर्वतारोहण को नई ऊंचाईयां देने में जुटी हैं। नूतन उस वक्त चर्चा में आईं जब उन्होंने साल 2017 में दुनिया की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट पर तिरंगा फहराया।

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एक खबर के मुताबिक नूतन वशिष्ठ गढ़वाल क्षेत्र की ऐसी पहली एनसीसी कैडेट हैं, जिन्होंने सबसे कम उम्र में एवरेस्ट को जीता है। इससे पहले नूतन त्रिशूल और कंचनजंघा समेत 7 अन्य चोटियों पर फतह हासिल कर चुकी हैं। उनका नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है। खुद पीएम नरेंद्र मोदी भी पहाड़ की इस बेटी की तारीफ कर चुके हैं, उन्हें सम्मानित कर चुके हैं। अब नूतन को प्रदेश का सबसे बड़ा महिला सम्मान तीलू रौतेली पुरस्कार मिला है। बता दें कि पिछले साल रुद्रप्रयाग की ही उपासना सेमवाल को भी तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उत्तराखंड को गौरवान्वित करने वाली इन बेटियों को राज्य समीक्षा की तरफ से ढेर सारी शुभकामनाएं। इन्होंने बेटियों को आगे बढ़ने और अपने सपने जीने का हौसला दिया है। (बिपिन सेमवाल की फेसबुक वॉल से साभार)