उत्तराखंड नैनीतालSTORY OF UTTARAKHAND TOPPER SAMEER RIYAZ

गरीबी की वजह से डिप्रेशन में उत्तराखंड टॉपर, IAS अफसर बनने का ख्वाब भी टूटा

साल 2012 में उत्तराखंड टॉप करने वाला समीर आईएएस बनना चाहता था, लेकिन गरीबी ने उसे पढ़ाई छोड़ने पर मजबूर कर दिया...

उत्तराखंड न्यूज: STORY OF UTTARAKHAND TOPPER SAMEER RIYAZ
Image: STORY OF UTTARAKHAND TOPPER SAMEER RIYAZ (Source: Social Media)

नैनीताल: कहने को भारत विकासशील देश है। देश के विकास का महिमामंडन हो रहा है, लेकिन इसी देश में आज भी ऐसे कई होनहार हैं, जो कि गरीबी की वजह से पढ़ाई छोड़ने को मजबूर हैं। अब ऐसा विकास भी किस काम का, जो बच्चों के सपने पूरे ना कर सके, उन्हें आगे बढ़ने के मौके ना दे सके। समीर रियाज भी ऐसे ही होनहार छात्रों में शामिल है, जिसे मुफलिसी की वजह से पढ़ाई छोड़नी पड़ी। ये छात्र अब कोचिंग सेंटर में पढ़ाता है, ताकि परिवार का पेट भर सके। साल 2012 में रामनगर के रहने वाले समीर ने उत्तराखंड बोर्ड की 10वीं की परीक्षा में टॉप किया था। बेटा होनहार था, पर घर में पैसे की किल्लत थी। फिर भी मां और बहन ने समीर की पढ़ाई रुकने नहीं दी। मां दिन रात सिलाई करती, बहन ट्यूशन पढ़ाती। दोनों किसी तरह समीर की पढ़ाई का खर्चा निकाल रही थीं, लेकिन जैसे-जैसे समीर की कक्षाएं बढ़तीं गईं, खर्चा भी बढ़ता गया। हालात जवाब देने लगे तो समीर से बहन और मां की मजबूरी देखी नहीं गई। उसने पढ़ाई छोड़ दी और ट्यूशन पढ़ाने लगा, ताकि घर का खर्च चला सके। आजकल समीर यही कर रहा है।

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समीर के पिता परिवार के साथ नहीं रहते। समीर की मां बताती हैं कि पति बच्चों पर अत्याचार करते थे। एक बार उन्होंने बेटे समीर का सिर फोड़ दिया था, मुझे भी मारते थे। उनकी मार की वजह से मुझे सुनाई देना कम हो गया। समीर ने हाईस्कूल में 95.5 फीसद अंक हासिल किए थे। वो आईएएस बनना चाहता था। साल 2017 में उसने रामनगर से बीएससी किया, आगे की पढ़ाई के लिए उसका सेलेक्शन पंतनगर यूनिवर्सिटी में हुआ, पर फीस भरने के लिए पैसे नहीं थे। ओएनजीसी में पेट्रोलियम इंजीनिरिंग के लिए भी समीर का सेलेक्शन हुआ था, पर यहां भी पैसों की कमी आड़े आ गई। सपने टूटने का दर्द समीर से बर्दाश्त नहीं हो रहा, वो इन दिनों डिप्रेशन में है। समीर की बहन आयशा ने एमएससी बीएड किया है, बड़े भाई आमिर रियाज ने भी एमएससी बीएड किया है, ये तीनों इस वक्त कोचिंग सेंटर में पढ़ाते हैं। समीर के परिवार को मदद की दरकार है, ताकि वो अपनी पढ़ाई फिर से शुरू कर सके। उम्मीद है इस खबर को पढ़ने के बाद लोग समीर की मदद के लिए आगे आएंगे। आप भी इस खबर को अपने साथियों तक पहुंचाने में मदद करें, ताकि समीर एक बार फिर पढ़ाई शुरू कर सके।