चमोली: उत्तराखंड में बारिश की शक्ल में आफत बरस रही है। जगह-जगह सड़कें टूट गई है, भूस्खलन की वजह से लगातार हादसे हो रहे हैं। गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक हर जगह कोहराम मचा है। आज सुबह गैरसैंण में बादल फट गया, जिस वजह से क्षेत्र के एक गांव में जमकर तबाही हुई। बादल फटने की वजह से पत्थरकटा गांव में चार गौशालाएं मलबे में दब गई। गांव में आए सैलाब की वजह से एक पुलिया बह गई। प्राइमरी स्कूल के किचन के साथ ही फरस्वाण गांव की पानी की लाइन भी सैलाब की भेंट चढ़ गई। गांव में हर जगह तबाही के निशान दिख रहे हैं। लोगों के घरों में भी मलबा भरा है। इस क्षेत्र में सोमवार से लगातार बारिश हो रही थी। मंगलवार तड़के 4 बजे पत्थरकटा गांव के पास बादल फट गया, जिस वजह से 4 गौशालाएं मलबे में दब गईं। फिलहाल जनहानि की कोई सूचना नहीं है। प्रशासन की टीम नुकसान का जायजा ले रही है। आगे जानिए
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दूसरे इलाकों में भी हालात खराब हैं। हरिद्वार में लोग तेज बारिश के बाद जलभराव की समस्या से जूझ रहे हैं। मसूरी में घंटाघर के पास बारिश के चलते एक दुकान का हिस्सा ढह गया। दुकान के पास बनी बिल्डिंग भी खतरे में है, एसडीएम ने बिल्डिंग को खाली कराने के निर्देश दिए हैं। रुद्रप्रयाग में तिलवाड़ा-मरडीगाड़ मोटर मार्ग बंद है। बदरीनाथ हाईवे लामबगड़ में बंद है। कर्णप्रयाग-ग्वालदम मोटर मार्ग भी मलबा आ जाने की वजह से बंद है। चमोली में भी हालात बिगड़ रहे हैं। यहां भी सड़कें बंद हैं। कुमाऊं में भी लगातार हो रही बारिश की वजह से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। यहां भी सड़कें बंद हैं, यात्री रास्तों में फंसे हैं। सोमवार को टनकपुर-पिथौरागढ़ हाईवे पर धौन के पास मलबा आ गया, जिस वजह से 13 घंटे तक ट्रैफिक रुका रहा। मानसरोवर यात्रा भी बारिश की वजह से प्रभावित हो रही है। दोबाट, ऐलागाड़ के पास मलबा गिरने की वजह से कैलाश मानसरोवर के यात्री 4 घंटे तक जाम में फंसे रहे। धारचूला, मुनस्यारी में भी सड़कें बंद हैं। कई जगह भूस्खलन होने की भी खबरें हैं। अगर आप भी पहाड़ों की यात्रा पर जाने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो फिलहाल यात्रा टाल दें। यात्रा पर निकलने से पहले मौसम की जानकारी जरूर लें।