उत्तराखंड MODI MISSION KASHMIR UTTARAKHAND CONNECTION

ये हैं उत्तराखंड के तीन सपूत, जिन्होंने मोदी के ‘मिशन कश्मीर’ को किया कामयाब

जम्मू-कश्मीर को आर्टिकल 370 से आजादी दिलाने में उत्तराखंड के तीन लालों का भी अहम योगदान रहा, मिलिए मोदी-शाह की टीम के सदस्यों से...

उत्तराखंड न्यूज: MODI MISSION KASHMIR UTTARAKHAND CONNECTION
Image: MODI MISSION KASHMIR UTTARAKHAND CONNECTION (Source: Social Media)

: स्वतंत्रता दिवस से कुछ दिन पहले जम्मू-कश्मीर आर्टिकल 370 से आजाद हो गया। पूरे देश में जश्न का माहौल है। कश्मीर को आतंक से मुक्ति दिलाने के लिए मोदी सरकार ने जो किया है, वो करना आसान नहीं था। पर मोदी-शाह की टीम ने ये मुश्किल काम कर दिखाया। पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के साथ ही इस काम का क्रेडिट उत्तराखंड के तीन लालों को भी जाता है। क्योंकि इनके बिना इस सीक्रेट मिशन को अंजाम दे पाना आसान ना होता। उत्तराखंड के ये लाल हैं एनएसए अजीत डोभाल, रॉ चीफ अनिल धस्माना और आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत। ये वो टीम है, जिसे मिशन कश्मीर की पूरी जानकारी थी। जिस मिशन के बारे में लोगों को सोमवार से पहले कुछ नहीं पता था, उस मिशन को पूरा करने के लिए ये टीम पिछले कई महीनों से दिन-रात एक किए हुए थी। आइए मिलते हैं मोदी-शाह की इस टीम से और ये भी जानते हैं कि मिशन कश्मीर को पूरा करने में किसका क्या रोल रहा।

  • एनएसए अजीत डोभाल

    MODI MISSION KASHMIR UTTARAKHAND CONNECTION
    1/ 3

    सबसे पहले बात करते हैं एनएसए अजीत डोभाल की, जो पिछले कुछ दिनों में कई बार जम्मू-कश्मीर के दौरे पर जा चुके थे। प्लान को सीक्रेट रखना और पूरा होने तक सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर पाना आसान नहीं था। पर एनएसए अजीत डोभाल ने ये जिम्मेदारी अच्छी तरह निभाई। वो समय-समय पर जम्मू-कश्मीर के हालात का जायजा लेते रहे। साथ ही सुरक्षा के मजबूत इंतजाम भी किए। उन्होंने अचूक रणनीति बनाई। आर्टिकल 370 हटने का फैसला आने के बाद भी वो कश्मीर में डटे हैं ताकि घाटी में शांति कायम रहे।

  • जनरल बिपिन रावत

    MODI MISSION KASHMIR UTTARAKHAND CONNECTION
    2/ 3

    जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के आर्टिकल 370 को हटाने का फैसला लेना आसान नहीं था। इस मिशन को सफल बनाने की जिम्मेदारी आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत की थी। ये फैसला सुरक्षा की दृष्टी से बेहद चुनौतीभरा था, पर आर्मी चीफ ने अपनी जिम्मेदारी अच्छी तरह निभाई। अब भी कश्मीर में अलगाववादियों और नेताओं से लेकर आम जनता तक को नियंत्रण में रखने का काम सेना अच्छी तरह कर रही है। जम्मू-कश्मीर के चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। हालात नियंत्रण में हैं।

  • रॉ चीफ अनिल धस्माना

    MODI MISSION KASHMIR UTTARAKHAND CONNECTION
    3/ 3

    मिशन को सक्सेसफुल बनाने में रॉ का भी अहम योगदान रहा। रॉ चीफ अनिल धस्माना भी मोदी-शाह की टीम में शामिल हैं। ये तो आप जानते ही हैं कि पाकिस्तान हमेशा से खुद को कश्मीर मसले का पक्षकार बताता रहा है। ये मामला संयुक्त राष्ट्र में भी उठा है। ऐसे में आर्टिकल 370 हटाने का फैसला लागू करते वक्त पाकिस्तान और दूसरे देशों की स्थिति पर नजर बनाए रखने की जिम्मेदारी रॉ को दी गई थी। खुफिया एजेंसी रॉ ने इस जिम्मेदारी को अच्छी तरह निभाया भी। पाकिस्तान समेत दूसरे देशों की प्रतिक्रिया पर रॉ लगातार अपनी नजर बनाए हुए है।