उत्तराखंड देहरादूनmodi govt to form new internation airport in uttarakhand

उत्तराखंड को मिलेंगे दो इंटरनेशनल एयरपोर्ट, मोदी सरकार देगी सारा खर्चा

उत्तराखंड में पर्यटन को पंख लगने वाले हैं, दून का जौलीग्रांट और पंतनगर एयरपोर्ट जल्द ही इंटरनेशनल एयरपोर्ट के तौर पर जाने जाएंगे..

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Image: modi govt to form new internation airport in uttarakhand (Source: Social Media)

देहरादून: त्रिवेंद्र सरकार क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है। हवाई सेवाओं में विस्तार किया जा रहा है, ताकि पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मिलें। ज्यादा से ज्यादा पर्यटक उत्तराखंड आएं, यहां की खूबसूरती को निहारें। इसी कड़ी में देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट और पंतनगर के हवाई अड्डे को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार विकसित किया जा रहा है। जौलीग्रांट और पंतनगर एयरपोर्ट प्रदेश को सबसे महत्वपूर्ण एयपोर्ट्स हैं, जिन्हें अब अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार विकसित किया जाएगा। एयरपोर्ट के विस्तार के लिए भूमि चिन्हित कर ली गई है, नागरिक उड्डयन विभाग प्रस्ताव तैयार कर रहा है। जैसे ही प्रस्ताव तैयार होगा, इसे मंजूरी के लिए कैबिनेट को भेजा जाएगा। दोनों एयरपोर्ट्स के विस्तारीकरण पर जो खर्चा आएगा, उसे केंद्र सरकार वहन करेगी। जौलीग्रांट और पंतनगर एयरपोर्ट के अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट बनने के कई फायदे होंगे। विस्तारीकरण के बाद उत्तराखंड से कंबोडिया, वियतनाम, दुबई और गल्फ कंट्री के लिए हवाई सेवाएं शुरू होंगी।

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चलिए अब आपको बताते हैं कि विस्तारीकरण के तहत दोनों हवाई अड्डों में क्या-क्या काम होंगे। जौलीग्रांट एयरपोर्ट को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार विकसित करने के लिए 60 मीटर चौड़ा और 270 मीटर लंबा रनवे बनेगा। विशाल रनवे के लिए 105 हेक्टेयर जमीन की जरूरत पड़ेगी। इस पर 270 करोड़ का खर्च आने वाला है। नागरिक उड्डयन विभाग ने सर्वे कर लिया है। प्रस्ताव तैयार हो रहा है। सरकारी और निजी जमीन को रनवे के लिए चिन्हित किया गया है। इसी तरह पंतनगर में 5 सौ हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होगा। एयरपोर्ट के पास स्थित सरकारी और वन भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। इसके साथ ही प्रदेश में उड़ान योजना के तहत जो 12 हेलीपैड बनाए गए हैं, वहां यात्रियों को सुविधा देने के लिए डीपीआर बन रही है। बता दें कि ये हेलीपेड लैंडिंग के लिए तैयार हैं, पर यहां वेटिंग रूम, चेकिंग प्वाइंट और दूसरी जरूरी सुविधाएं नहीं हैं। पवन हंस एविएशन कंपनी ने 8 हेलीपेड की डीपीआर शासन को भेज दी है। मंजूरी मिलते ही यहां से नियमित उड़ानें शुरू कर दी जाएंगी।