उत्तराखंड रुद्रप्रयागjim corbett Museum in rudraprayag

रुद्रप्रयाग में 1 करोड़ की लागत से बनेगा ऐतिहासिक म्यूजियम, मोदी सरकार ने दी मंजूरी

वैसे देखा जाए तो ये काम कई साल पहले ही हो जाना चाहिए था। जिससे देश-दुनिया के लोग इससे वाकिफ होते। अब हो रहा है अच्छी बात है।

उत्तराखंड न्यूज: jim corbett Museum in rudraprayag
Image: jim corbett Museum in rudraprayag (Source: Social Media)

रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले की एक कहानी, जो देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में छा गई थी। हमने-आपने भी वो कहानी बचपन में पढ़ी है। रुद्रप्रयाग जिले को नरभक्षी गुलदार आतंक से मुक्त कराने में जिम कार्बेट का अहम योगदान रहा है। उनका योगदान क्षेत्रवासी कभी नहीं भूलेंगे। अब जिम कार्बेट को श्रद्धांजलि देने के लिए रुद्रप्रयाग में जिम कार्बेट म्यूजियम बनेगा। डीएम मंगेश घिल्डियाल की पहल पर वन एवं पर्यटन विभाग ने यहां म्यूजियम बनाने का प्रस्ताव तैयार किया था और अब म्यूजियम के प्रस्ताव को केंद्र की तरफ से हरी झंडी मिल गई है। साथ ही एक करोड़ का बजट भी जारी कर दिया गया है। नगर पालिका रुद्रप्रयाग एक करोड़ के बजट से जिम कार्बेट म्यूजियम का निर्माण कराएगी। इस म्यूजियम में जिम कार्बेट के जीवन से जुड़ी यादगार चीजें रखी जाएंगी, साथ ही इसे आकर्षक बनाने के लिए पहाड़ी शैली का इस्तेमाल किया जाएगा। म्यूजियम का भवन पहाड़ी शैली में बनाया जाएगा। गुलाबराय मैदान में बनने वाले म्यूजियम के प्रस्ताव को केंद्र सरकार की स्वीकृति मिल गई है। उम्मीद है कि इसी महीने से म्यूजियम निर्माण का काम शुरू कर दिया जाएगा।

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रुद्रप्रयाग के साथ-साथ पूरा प्रदेश इस म्यूजियम के जरिए एडवर्ड जिम कार्बेट को याद करेगा, उनकी यादों को सहेजेगा। प्रकृति प्रेमी और छायाकार एडवर्ड जिम कार्बेट भले ही नैनीताल में जन्मे थे, पर रुद्रप्रयाग उनकी कर्मभूमि रहा। एडवर्ड जिम कार्बेट का जन्म 25 जुलाई 1875 को नैनीताल में हुआ था। बात 20वीं सदी की शुरुआत की है। रुद्रप्रयाग में नरभक्षी गुलदार लोगों को मार रहा था। एक-दो नहीं पूरे 125 लोग गुलदार का निवाला बन गए थे, लोग बेबस थे, कुछ कर नहीं पा रहे थे। तभी जिम कार्बेट को इसकी सूचना मिली और वो रुद्रप्रयाग पहुंच गए। 70 दिन क्षेत्र में रहने के बाद उन्हें सफलता मिली और उन्होंने दो नरभक्षी गुलदार मार गिराए। एक गुलदार गुलाबराय और दूसरा बेंजी के पास मारा गया। जिम कार्बेट की याद में गुलाबराय मैदान में स्मारक भी बना है, लेकिन इस क्षेत्र को पर्यटन मानचित्र पर लाने की ज्यादा कोशिशें नहीं हुई। साल 2018 में डीएम मंगेश घिल्डियाल की पहल पर वन एवं पर्यटन विभाग ने यहां म्यूजियम बनाने का प्रस्ताव तैयार किया था, जिसे केंद्र की तरफ से मंजूरी मिल गई है। अब यहां दो मंजिला भवन बनाया जाएगा, भवन का निर्माण पहाड़ी शैली में होगा। म्यूजियम में कुल पांच कमरे होंगे। मुख्य हॉल में जिम कार्बेट की प्रतिमा के साथ ही उनके जीवन से जुड़ी वस्तुओं को रखा जाएगा। ये एक अभिनव प्रयास है, जो कि जल्द ही साकार रूप लेने वाला है।