उत्तराखंड देहरादूनTRIVENDRA SINGH RAWAT SPEAKS ABOUT Infiltration in uttarakhand

उत्तराखंड में घुसपैठ करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे, CM त्रिवेन्द्र का खुला ऐलान

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड में घुसपैठ रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे...पढ़िए पूरी खबर

उत्तराखंड न्यूज: TRIVENDRA SINGH RAWAT SPEAKS ABOUT Infiltration in uttarakhand
Image: TRIVENDRA SINGH RAWAT SPEAKS ABOUT Infiltration in uttarakhand (Source: Social Media)

देहरादून: उत्तराखंड इस वक्त एक बड़े खतरे से जूझ रहा है। ये खतरा है बाहरी लोगों की बढ़ती घुसपैठ...दूसरे राज्यों से आने वाले लोग यहां पर बसने लगे हैं। कई जगह तो हालात बेहद खराब हैं। पलायन की वजह से जो घर-गांव खाली हो गए हैं, उन्हें बाहरी लोगों ने अपना ठिकाना बना लिया है। उन पर कब्जा कर रहे हैं। बाहर से आने वाले इन लोगों में कई बार अपराधी भी होते हैं, जो अपराध की वारदातों को अंजाम देकर आसानी से बच निकलते हैं। क्योंकि इनमें से ज्यादातर लोगों का पुलिस वैरिफिकेशन नहीं होता, इसलिए इन्हें पकड़ पाना भी मुश्किल होता है। देर से ही सही प्रदेश सरकार ने मामले में संज्ञान लेना शुरू कर दिया है। अब बाहरी लोगों के पुलिस वैरिफिकेशन की प्रक्रिया का सख्ती से पालन किया जाएगा। हाल ही में देहरादून में दिए एक बयान में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि अगर प्रदेश में कहीं कोई घुसपैठिया पकड़ा गया तो, उसे बख्शा नहीं जाएगा। उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उत्तराखंड में घुसपैठियों के लिए कोई जगह नहीं है।

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सचिवालय में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि बाहर से आए घुसपैठियों को लेकर कोई शिकायत मिलती है तो उस पर तुरंत कार्रवाई की जाती है। शिकायत का परीक्षण होता है, बाहरी लोगों के दस्तावेज जांचे जाते हैं। प्रदेश में बाहर से आए लोगों का पुलिस वैरिफिकेशन किया जा रहा है। ये एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया है। इस मौके पर सीएम ने दूसरे मुद्दों पर भी बात की। मुख्यमंत्री ने कहा कि मसूरी में होने वाले हिमालयी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में कई मुद्दों पर बात होगी। हिस्सा लेने वाले सभी राज्य जानकारियां बांटेंगे। अपनी समस्याएं नीति आयोग तक कैसे पहुंचाई जाएं, इस पर भी बात होगी। खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन को पार्टी से बाहर करने के मामले में सीएम ने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। अनुशासन तोड़ने वालों के खिलाफ पार्टी पहले भी कार्रवाई करती रही है। जनसंघ के वक्त भी 15 विधायकों को पार्टी से निकाला गया था। अगर कोई अनुशासन तोड़ता है तो उसे समझ जाना चाहिए कि उसके खिलाफ कार्रवाई होन तय है। उसका निलंबन किया जाएगा। पार्टी के संविधान में इसकी व्यवस्था है।