उत्तराखंड के होनहार का कमाल, देश के टॉप-20 स्टार्टअप में शामिल हुआ रजत का काम
मैकेनिकल इंजीनियर रजत ने एक ऐसी डिवाइस बनाई है, जिससे दिल की बीमारी होने की संभावना का पता लगाया जा सकता है....
Komal Negi
Jul 20 2019 10:29AM
dehradun
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स्टार्टअप के जरिए सफलता का सफर तय करने वाले रजत ने कमाल कर दिया। रजत ने उत्तराखंड को गौरवान्वित किया है। वो देश के टॉप-20 स्टार्टअप में शामिल हो गए हैं। हाल ही में रजत को वर्ल्ड इकोनॉमिक्स फोरम की तरफ से आयोजित न्यू चैंपियन मीटिंग में हिस्सा लेने का मौका मिला। चीन में हुई इस मीटिंग में उन्हें भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला। उन्होंने अपने काम के अनुभव दूसरे प्रतिनिधियों से शेयर किए। रजत उत्तराखंड के देहरादून के रहने वाले हैं। चलिए अब आपको बताते हैं कि रजत का स्टार्टअप खास क्यों है। ग्राफिक एरा से मैकेनिकल इंजीनियरिंग करने वाले रजत जैन ने स्पेनडन डिवाइस तैयार की है। जिसका निर्माण आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस टेक्नोलॉजी से हुआ है। ये डिवाइस करती क्या है, ये भी बताते हैं। इस डिवाइस का इस्तेमाल दिल की बीमारी का पता लगाने के लिए किया जाता है। एक और खास बात है इस डिवाइस की, और वो ये है कि इसे एक डॉक्टर से लेकर अनपढ़ आदमी तक आसानी से इस्तेमाल कर सकता है। शुरुआत में रजत ने स्टार्टअप के रूप में सनफॉक्स कंपनी के नाम से स्पेनडन डिवाइस का प्रोडक्शन शुरू किया है। इस वक्त उत्तराखंड के कई बड़े नामचीन अस्पतालों में इस डिवाइस का ट्रायल चल रहा है। दिल के मरीजों के लिए ये मशीन वरदान साबित हो सकती है। क्योंकि ये बीमारी होने से पहले ही मरीज को अलर्ट कर देगी। मरीज को बता देगी कि उसे दिल की बीमारी होने की कितनी प्रतिशत संभावना है। बीमारी पहले पकड़ में आएगी, तो इलाज आसानी से होगा और बचाव भी।
रजत ने अपने आइडिया को स्टार्टअप के जरिए उद्योग में तब्दील कर दिया है। केंद्र और राज्य ने उनकी स्टार्टअप कंपनी सनफॉक्स को मान्यता दी है। हाल ही में 1 से तीन जुलाई के बीच चीन में वर्ल्ड इकॉनोमिक्स फोरम ने न्यू चैंपियन मीटिंग का आयोजन किया गया। जिसमें पूरी दुनिया के टॉप-96 स्टार्टअप को बुलाया गया था। भारत की तरफ से छह लोगों को प्रतिनिधित्व का मौका मिला था, जिनमें रजत जैन भी शामिल थे। रजत कहते हैं कि देश के टॉप 20 स्टार्टअप में जगह बनाना मेरे लिए बड़ी उपलब्धि है। स्पेनडन डिवाइस का प्रोडक्शन शुरू हो गया है। मैक्स, फोर्टिस जैसे अस्पतालों में इसका ट्रायल भी चल रहा है। जल्द ही डिवाइस आम लोगों के लिए मार्केट मं् उपलब्ध होगी। अगर आपके पास भी कोई कमाल का आइडिया है और आप भी अपने सपने को स्टार्टअप की शक्ल देना चाहते हैं तो टेंशन ना लें, राज्य सरकार आपकी मदद करेगी। प्रदेश सरकार मान्यता प्राप्त स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए आर्थिक सहयोग दे रही है। सामान्य वर्ग के स्टार्टअप को एक साल तक 10 हजार रुपये का मासिक भत्ता दिया जा रहा है। एससी, एसटी, महिला, दिव्यांग वर्ग को 15 हजार (प्रति स्टार्ट अप) के तौर पर दिए जाएंगे। नए प्रोडक्ट की मार्केटिंग के लिए भी 5 लाख से 7.5 भी दिए जाएंगे। और भी कई योजनाएं हैं, जिनके जरिए युवा अपने स्टार्टअप को स्थापित करने में कर सकते हैं।