देहरादून: मानसून के रफ्तार पकड़ते ही उत्तराखंड में तबाही के मंजर दिखने लगे हैं। नदियां उफान पर हैं। बारिश लोगों के लिए राहत नहीं, आफत लेकर आई। नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जगह-जगह सड़कें बारिश के पानी में बह गईं। कई गांवों का एक-दूसरे से संपर्क टूट गया है, इन्हें फिलहाल राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं। क्योंकि मौसम विभाग ने आज नौ जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। लोगों से नदियों के पास ना जाने को कहा गया है। उच्च पर्वतीय इलाकों में पर्यटकों की आवाजाही रोकने के भी निर्देश दिए गए हैं। कुल मिलाकर आने वाले 24 घंटे बेहद मुश्किल भरे रहने वाले हैं। आप भी सर्तक रहें। अब बताते हैं कि बारिश की वजह से प्रदेशभर के हालात किस कदर खराब हैं। पहले बात करते हैं धारचूला की, जहां काली नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। नदी का ये रौद्र रूप देख किनारों पर रहने वाले लोग डरे हुए हैं। झूलाघाट के तालेश्वर, बलतड़ी, तड़ीगांव, सीमू और कानड़ी के लोगों से नदी किनारे ना जाने को कहा गया है। टनकपुर-पिथौरागढ़ हाईवे पर कीचड़ और मलबा जमा हो गया था। जिस वजह से चार घंटे तक जाम लगा रहा। धूनाघाट-बरमतौला रोड बुधवार को भी बंद रही। कुमाऊं के कोटाबाग में भी सड़क पर आवाजाही बंद रही। गढ़वाल में भी हालात चिंताजनक हैं। जगह-जगह सड़कें बंद होने की खबर है। आगे जानिए किन 9 जिलों को अगले 24 घंटे सावधानी बरतने की चेतावनी दी गई है।
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ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे पर बुधवार को मलबा आ गया था, जिससे रोड बंद हो गई, पूरे ढाई घंटे तक रोड पर जाम लगा रहा। जेसीबी आधे घंटे में मौके पर पहुंच गई थी, पर पहाड़ से लगातार पत्थर गिर रहे थे, जिस वजह से मलबा हटाने का काम देर से शुरू हुआ। मोहंड रो नदी में तेज बहाव की वजह से एक डंपर नदी में फंस गया था। डंपर में दो युवक भी थे, जिन्हें ग्रामीणों की मदद से रेस्क्यू टीम ने मुश्किल से बचाया। सड़कें बंद होने की वजह से रसद और जरूरी चीजें गांवों तक नहीं पहुंच पा रहीं। मौसम विभाग ने कहा है कि आने वाले 24 घंटों में प्रदेश के 9 जिलों में भारी बारिश होगी। ये जिले कौन-कौन से हैं, ये भी जान लें। राजधानी देहरादून, चंपावत, ऊधमसिंहनगर, पिथौरागढ़, चमोली, टिहरी, पौड़ी और हरिद्वार के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी हुआ है। यहां प्रशासन को अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। 15 जुलाई तक मौसम के बदले मिजाज से राहत नहीं मिलेगी। पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बारिश होगी, भूस्खलन की भी आशंका है। 19 जुलाई तक बारिश का दौर यूं ही जारी रहेगा। हमारी आपसे अपील है कि सतर्क रहें, नदियों-गदेरों के पास ना जाएं, दूसरे लोगों को भी ऐसा करने से रोकें।