उत्तराखंड चमोलीmonika rana Bhabha Atomic Research Center BARC

पहाड़ की होनहार बिटिया मोनिका.. भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर में बनी वैज्ञानिक

मोनिका को भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बार्क) में वैज्ञानिक के पद पर नियुक्ति मिली है, जानिए मोनिका की सफलता की कहानी...

monika rana: monika rana Bhabha Atomic Research Center BARC
Image: monika rana Bhabha Atomic Research Center BARC (Source: Social Media)

चमोली: भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बार्क) का हिस्सा बनना हर किसी के लिए गौरव की बात है। लाखों लोग बार्क में वैज्ञानिक बनने का सपना देखते हैं, लेकिन कुछ चुनिंदा होनहार ही होते हैं, जिनका ये सपना पूरा हो पाता है। पहाड़ की एक प्रतिभाशाली बिटिया भी ऐसे ही खुशकिस्मत लोगों में शामिल है, जिसे भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र में वैज्ञानिक बनने का मौका मिला है। ये है चमोली के कांडई-चंद्रशिला गांव की मोनिका राणा, जो कि अपनी प्रतिभा और मेहनत के दम पर बार्क में वैज्ञानिक बन गई हैं। पूरा परिवार और गांव मोनिका की इस उपलब्धि पर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा है। छोटे से गांव से निकल कर बार्क तक का सफर मोनिका के लिए आसान नहीं रहा। तमाम मुश्किलें आईं पर मोनिका राणा ने खुद को टूटने नहीं दिया। आखिरकार उनका सपना सच हो गया, अब वो भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर में बतौर वैज्ञानिक काम करेंगी। देश की सेवा में अपना योगदान देंगी।

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चलिए अब मोनिका के बारे में थोड़ा और जान लेते हैं। मोनिका यूं तो चमोली के छोटे से गांव की रहने वाली हैं। पर इस वक्त उनका परिवार देहरादून में रह रहा है। मोनिका के पिता सेना से रिटायर हैं, मां गृहणी है। मोनिका कहती हैं कि उनकी पढ़ाई में माता-पिता ने कभी परेशानी नहीं आने दी। तीन बहनों और एक भाई वाले परिवार में मोनिका सबसे बड़ी बेटी हैं। उनकी एक बहन दिल्ली में रहकर आईएएस की तैयारी कर रही है, जबकि छोटी बहन नेवी हॉस्पिटल मुंबई में नर्सिंग ऑफिसर की ट्रेनिंग ले रही है। छोटा भाई डीबीएस कॉलेज में पढ़ता है। मोनिका ने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिजनों को दिया। उन्होंने कहा कि माता-पिता ने उनका हौसला ना बढ़ाया होता तो वो कभी सफल नहीं हो पातीं। उनके आशीर्वाद के दम पर ही वो सफलता हासिल कर सकी हैं। राज्य समीक्षा टीम की तरफ से भी पहाड़ की इस होनहार बिटिया को ढेर सारी बधाई। मोनिका ने बार्क में वैज्ञानिक बन कर उत्तराखंड का नाम रौशन किया है।