उत्तराखंड देहरादूनpanchayat election in uttarakhand

उत्तराखंड में दो से ज्यादा बच्चों वाले नहीं लड़ेंगे पंचायत चुनाव...शैक्षणिक योग्यता भी हुई तय

उत्तराखंड में जल्द ही पंचायती चुनाव होने वाले हैं, लेकिन चुनाव से ऐन पहले संभावित प्रत्याशियों को एक बड़ा झटका जरूर लगा है।

उत्तराखंड न्यूज: panchayat election in uttarakhand
Image: panchayat election in uttarakhand (Source: Social Media)

देहरादून: उत्तराखँड में इस बार दो से ज्यादा बच्चों वाले लोग चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। विधानसभा में विधायकों के हंगामे के बीच पंचायती राज संशोधित विधेयक सदन में पेश किया गया। संसदीय कार्यमंत्री मैदान कौशिक ने कहा कि अब पंचायत चुनाव में सिर्फ दो बच्चों वालों को ही लड़ने का मिलेगा मौका मिलेगा। साथ ही न्यूनतम शेक्षणिक योग्यता भी तय कर दी गई है। आइए इस बारे में आपको बता देते हैं। पंचायत चुनाव में लड़ने वाले सामान्य वर्ग के प्रत्याशियों के लिए दसवीं पास होना जरूरी है। महिला एससी, एसटी के लिए आठवीं पास होना अनिवार्य है। राज्यपाल की मंज़ूरी मिलते ही विधेयक तत्काल लागू हो जाएगा। इसके बाद आने वाले पंचायत चुनाव संशोधित विधेयक के आधार पर ही होंगे। कुल मिलाकर उन प्रत्याशियों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं, जिनके 2 से ज्यादा बच्चे हैं और वो इस बार भी चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। हमने पहले ही आपको बता दिया था कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता खत्म होने के बाद इन दोनों बिंदुओं पर मसौदा तैयार कर कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा।

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खबर है उत्तराखंड में सितंबर में पंयायत चुनाव हो सकते हैं, क्योंकि 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायतों (ग्राम, क्षेत्र व जिला) का कार्यकाल जुलाई में खत्म होने जा रहा है। पहले ही खबर सामने आ गई थी कि चुनाव से पहले पंचायती राज एक्ट की कुछ व्यवस्थाओं में सरकार संशोधन कर सकती है। इसमें दो बच्चों की शर्त के साथ ही प्रतिनिधियों की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता का निर्धारण शामिल था। पिछले साल पंचायतीराज मंत्री अरविंद पांडेय ने अधिकारियों को मसौदा तैयार करने के निर्देश दिए थे। न्यूनतम शैक्षिक योग्यता निर्धारण को हरियाणा व राजस्थान के पंचायतीराज एक्ट का अध्ययन करने को कहा गया था। आपको बता दें कि नगर निकाय चुनाव में ये व्यवस्था पहले से ही लागू की जा चुकी है, न्याय विभाग से भी इस फैसले पर ग्रीन सिग्नल मिल चुका है। इसके लिए हरियाणा मॉडल को सबसे बेहतर माना गया है। आपको बता दें कि हरियाणा में पंचायत चुनाव के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता हाईस्कूल, अनुसूचित जाति के लिए आठवीं और आरक्षित वर्ग की महिला के लिए पांचवीं पास होना अनिवार्य है। इस मसले पर तीन दौर की बैठकें शासन स्तर पर पहले ही हो चुकी थीं। अब इस प्रस्ताव को कैबिनेट में रखा गया।