देहरादून: अब गरीब छात्र भी डॉक्टर बनने का अपना सपना पूरा कर पाएंगे। इसका फायदा उन गरीब छात्रों को मिलेगा, जो कि डॉक्टर बनना चाहते हैं, लेकिन प्राइवेट निजी कॉलेजों की फीस नहीं भर सकते। उत्तराखंड के तीन सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 25-25 सीट का इजाफा हो गया है। यानि तीनों कॉलेजों में एमबीबीएस की 75 सीटें बढ़ी हैं। इसका सीधा फायदा उन छात्रों को मिलेगा, जो कि मेडिकल की पढ़ाई करना चाहते हैं। कमजोर आर्थिक स्थिति वाले छात्र भी मेडिकल की पढ़ाई कर सकेंगे। चलिए अब आपको प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों और उनमें सीट की स्थिति के बारे में जानकारी दे देते हैं। प्रदेश के वीर चंद्र सिंह गढ़वाली राजकीय आयुर्विज्ञान एवं शोध संस्थान श्रीनगर गढ़वाल में 100 सीटें हैं। इसी तरह राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी में 100 और राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में 150 सीट हैं। राज्य के तीनों सरकारी मेडिकल कॉलेजों में कुल 350 सीटें हैं।
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6 जून को एमसीआई के महासचिव डॉ. आरके वत्स ने राज्य सरकार को एक पत्र भेजा था। जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को एमबीबीएस में दाखिले में आरक्षण देने के लिए सीट वृद्धि का प्रस्ताव उपलब्ध कराने की बात लिखी थी। राज्य सरकार ने एमसीआई से 25 फीसद अतिरिक्त कोटा, यानि 87 सीट बढ़ाने की मांग की थी। पर एमसीआई ने तीनों कॉलेजों में 25-25 सीटें बढ़ाई हैं। अब हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 125, श्रीनगर में 125 और दून मेडिकल कॉलेज में 175 सीटें हो गई हैं। 75 सीटें बढ़ने से प्रदेश के छात्रों को फायदा होगा। बता दें कि सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 85 फीसद सीट राज्य कोटा की और 15 फीसद सीट ऑल इंडिया के लिए होती हैं। सीट बढ़ने के बाद अब गरीब छात्रों के पास एमबीबीएस में दाखिले के लिए ज्यादा विकल्प होंगे।