उत्तराखंड पौड़ी गढ़वालpauri garhwal manjakote village

पहाड़ के खाली होते गांवों में डेरा जमा रहे हैं बाहरी लोग? पौड़ी में जांच के आदेश जारी

पहाड़ में पलायन से खाली गांव-घर ही नहीं, हमारी संस्कृति भी खतरे में है, इस मामले में जल्द ही कुछ नहीं किया गया तो बहुत देर हो जाएगी...

उत्तराखंड न्यूज: pauri garhwal manjakote village
Image: pauri garhwal manjakote village (Source: Social Media)

पौड़ी गढ़वाल: पलायन पहाड़ की त्रासदी है। लंबे वक्त से हम पलायन की मार झेल रहे हैं, पर अब उससे भी बड़ा खतरा हमारे गांवों पर मंडरा रहा है। पलायन की वजह से जो गांव-घर उजाड़ हो गए हैं, उनमें बाहरी लोग बसने लगे हैं। ये केवल गांव के लिए नहीं हमारी संस्कृति और हमारी परंपराओं के लिए भी बड़ा खतरा है। खाली गांवों में जो बाहरी लोग बस रहे हैं वो कौन हैं, कहां से आए हैं, इसके बारे में किसी को कोई खबर नहीं, हां इनकी बढ़ती धमक से यहां के मूल निवासी डरे हुए जरूर हैं। एक वेबसाइट की खबर के मुताबिक हाल ही में ऐसा ही कुछ पौड़ी में देखने को मिला। जहां खैरासैण गांव के पास बसे मंजाकोट गांव में कुछ बाहरी लोग आकर बस गए हैं। खैरासैण सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का गांव है, इसी के पास के गांव मंजाकोट में बाहरी लोगों ने अपना डेरा जमाना शुरू कर दिया है। गांव वालों का आरोप है कि इस गांव में एक आश्रम है, जहां बाहरी लोगों का आना-जाना लगा रहता है। ये बाहरी लोग गांव वालों को धमकाते हैं, कोई इनका विरोध करता है तो उसे पीटते भी हैं। यही वजह है कि गांव वाले बेहद डरे हुए हैं। इस बारे में गांव वालों ने राजस्व पुलिस से शिकायत भी की थी, पर कोई फायदा नहीं हुआ।

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राजस्व पुलिस ने नहीं सुनी तो गांव वाले वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और अपर जिलाधिकारी से मिले। गांव वालों ने मामले की जांच कराने की मांग की। अपर जिलाधिकारी ने एसडीएम लैंसडाउन से मामले की जांच कर जल्द रिपोर्ट देने को कहा है। ये खबर पौड़ी की जरूर है, लेकिन समस्या पूरे प्रदेश की है। हमारे खाली गांवों-घरों को बाहरी लोगों ने हथियाना शुरू कर दिया है। ये बाहरी लोग कौन हैं, कहां से आए हैं ये ना गांव वालो को पता है, ना प्रशासन को। इनमें आपराधिक प्रवृत्ति के लोग भी हो सकते हैं, जो कि गाहे-बगाहे बड़ी वारदातों को अंजाम दे सकते हैं। पहाड़ के लिए खतरे की घंटी बज गई है। अपने घर-गांवों को बचाने के लिए हम अब भी नहीं चेते, तो शायद ये मौका फिर कभी नहीं मिल पाएगा। ग्रामीणों के साथ ही ये प्रशासन की भी जिम्मेदारी है कि वो बाहर से आने वाले लोगों पर पैनी नजर रखे। पहाड़ में बाहर से आकर बसे लोगों का पुलिस वेरिफिकेशन होना चाहिए, इनकी पूरी डिटेल प्रशासन के पास होनी चाहिए, ताकि भविष्य में होने वाली किसी भी परेशानी से बचा जा सके।