उत्तराखंड उत्तरकाशीDm ashish chauhan in sar badiyar patti uttarkashi

पहाड़ के इन गांवों में 18 साल बाद पहुंचा कोई डीएम...लोगों के लिए उत्सव जैसा माहौल

पहाड़ के जिन गांवों तक उम्मीद को भी पहुंचने में वक्त लगता है, वहां जब डीएम पहुंचे तो खुशी से लोगों की आंखें भर आईं....

डीएम आशीष चौहान: Dm ashish chauhan in sar badiyar patti uttarkashi
Image: Dm ashish chauhan in sar badiyar patti uttarkashi (Source: Social Media)

उत्तरकाशी: अभाव-मुश्किलें क्या होती हैं, ये जानना हो तो उत्तरकाशी के सर बडियार पट्टी चले आइए, जहां ना सड़क है ना संचार सेवाएं। हालात कितने खराब हैं इसका अंदाजा आप यूं लगा सकते हैं कि जब डीएम को भी यहां पहुंचने में 18 साल लग गए, तो सोचिए विकास की किरण यहां तक कैसे पहुंच पाती। सर बडियार पट्टी के ये 8 गांव हर तरह के विकास से इतने दूर हैं कि यहां उम्मीद को भी पहुंचने में वक्त लगता है। सोमवार का दिन इन 8 गांव के लोगों के लिए बेहद खास था। ये वो दिन था जिसका इंतजार गांव वाले पिछले 18 साल से कर रहे थे। सालों के इंतजार के बाद डीएम डॉ. आशीष चौहान जब पुरोला तहसील की सर बडियार पट्टी पहुंचे, तो मारे खुशी के लोगों की आंखें भर आईं। दरअसल डीएम आशीष चौहान यहां आयोजित बहुद्देश्यीय शिविर में लोगों की समस्याएं सुनने आए थे। गांव तक पहुंचने के लिए डीएम को अन्य अधिकारियों के साथ सरनौल से 8 बजे पैदल निकलना पड़ा, 4 घंटे पैदल चलने के बाद कहीं जाकर वो 12 बजे सर बडियार गांव पहुंचे।

  • ये मौका किसी त्योहार से कम नहीं

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    ग्रामीणों के लिए ये मौका किसी त्योहार से कम नहीं था। कालिया नाग मंदिर परिसर में ग्रामीणों ने डीएम का जोरदार स्वागत किया। मजेदार बात ये है कि डीएम के गांव आने से लोग इतने खुश थे कि वो अपनी समस्याएं तक भूल गए। शिविर में हिस्सा लेने आए ग्रामीणों ने किसी भी विभाग से संबंधित कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई। हां उन्होंने दो मांगें जरूर कीं। पहली मांग सर बडियार पट्टी के सर, लेवटाड़ी, डिगाड़ी, पौंटी, गौल, छानिका, किमडार व कस्लौ गांव तक सड़क पहुंचाने की थी और दूसरी मांग गांवों को संचार सुविधा से जोड़ने संबंधी थी। ग्रामीणों ने डीएम से कहा कि सड़क और संचार सेवा होगी तो अस्पताल में डॉक्टर भी आ जाएंगे, और स्कूलों में टीचर भी...पर पहले सड़क तो बनाकर दो। डीएम ने भी ग्रामीणों को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। बता दें कि सर बडियार के 8 गांवों के लिए डीएम से मिलने का ऐसा अवसर 18 साल पहले सितंबर 2001 में आया था।

  • 18 साल बाद डीएम साहब गांव आए

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    उस वक्त डीएम अमित घोष सर बडियार आए थे और इसके लिए उन्होंने 20 किलोमीटर का पैदल सफर तय किया था। तब से सालों गुजर गए लेकिन जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने इन गांवों की सुध नहीं ली। गांवों के लोगों की जिंदगी में केवल इतना बदलाव आया है कि 20 किलोमीटर का पैदल रास्ता अब 8 किलोमीटर रह गया है, क्योंकि सरनौल तक सड़क बन गई है। ग्रामीणों का मानना है कि 18 साल बाद डीएम साहब गांव आए हैं, उन्होंने यहां की समस्याओं को भी देख-सुन लिया है। ग्रामीणों ने उम्मीद जताई कि समस्याओं का समाधान जरूर होगा...हम तो यही कहेंगे कि पहाड़वासियों कि ये उम्मीद बनी रहनी चाहिए और पूरी भी होनी चाहिए। तभी जाकर ये दूरस्थ गांव विकास की मुख्यधारा से जुड़ पाएंगे।