उत्तराखंड रुद्रप्रयागCONSTABLE MOHAN SINGH DM MANGESH GHILDIYAL RUDRAPRAYAG

पहाड़ में तैनात सिपाही ने निभाया वर्दी का फर्ज...जीता DM मंगेश घिल्डियाल का दिल..मिलेगा इनाम

डीएम रुद्रप्रयाग सोनप्रयाग के उस पुलिस कांस्टेबल को सम्मानित करने जा रहे हैं, जिसने उन्हें जेल में बंद करने की धमकी दी...

डीएम मंगेश घिल्डियाल: CONSTABLE MOHAN SINGH DM MANGESH GHILDIYAL RUDRAPRAYAG
Image: CONSTABLE MOHAN SINGH DM MANGESH GHILDIYAL RUDRAPRAYAG (Source: Social Media)

रुद्रप्रयाग: बच्चा जब स्कूल जाना शुरू करता है तो उसे सबसे पहले ईमानदारी का पाठ पढ़ाया जाता है...ईमानदारी काम के प्रति, परिवार के प्रति, शिक्षा के प्रति...पर जैसे-जैसे हम बड़े होते जाते हैं, ईमानदारी की बातें किताब-स्कूल की तरह पीछे छूट जाती है। हममें से ऐसे कई लोग हैं, जिनके लिए ईमानदारी आदर्श नहीं बेवकूफी है...पर शुक्र है कि पहाड़ में अब भी कुछ लोग हैं जो कि ईमानदार हैं...अपने फर्ज के प्रति, अपनी जिम्मेदारी के प्रति...उत्तराखंड पुलिस के कांस्टेबल मोहन सिंह भी ऐसे ही ईमानदार सिपाही हैं, जिन्हें आज डीएम भी सलाम कर रहे हैं। पूरा मामला क्या है, ये भी आपको बता देते हैं। कांस्टेबल मोहन सिंह इस वक्त रुद्रप्रयाग के सोनप्रयाग बैरियर पर तैनात हैं। ये जगह केदारनाथ यात्रा का अहम पड़ाव है। रविवार को रुद्रप्रयाग के तेजतर्रार डीएम मंगेश घिल्डियाल भेष बदलकर सोनप्रयाग पहुंचे थे। उन्होंने बैरियर के पास तैनात कांस्टेबल मोहन सिंह से कहा कि वो उनकी गाड़ी गौरीकुंड तक ले जाने दे। आगे पढ़िए...

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कांस्टेबल मोहन सिंह ने मना कर दिया। दैनिक जागरण की खबर के मुताबिक डीएम ने उसे लालच भी दिया, हर तरह से अपनी बात मनवाने की कोशिश भी की...पर मोहन सिंह अड़ा रहा। बात बढ़ती गई तो मोहन सिंह ने डीएम से साफ कहा कि वो उन्हें बंद कर देगा। ये देख डीएम मंगेश घिल्डियाल बेहद संतुष्ट नजर आए। इस उम्रदराज कांस्टेबल की कर्तव्यपरायणता से वो इस कदर प्रभावित हुए कि उसे सम्मानित करने का फैसला ले लिया। डीएम रुद्रप्रयाग मंगेश घिल्डियाल अपनी अलग कार्यशैली के चलते सुर्खियों में रहते हैं। रविवार रात भी वो कुछ ऐसा ही कर रहे थे, वो आम यात्री के तौर पर यात्रा पड़ावों का जायजा लेते रहे, जो अधिकारी-कर्मचारी लापरवाही करते दिखे उन्हें घुड़की भी दी। इसी दौरान सोनप्रयाग में कांस्टेबल मोहन सिंह ने उन्हें रोक दिया। निजी गाड़ियों को सोनप्रयाग से आगे ले जाने की परमीशन नहीं है। कांस्टेबल मोहन सिंह ने ये बात डीएम को अच्छी तरह समझाई।

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डीएम ने उसे दो सौ रुपए बतौर सुविधा शुल्क देने का लालच भी दिया। पर मोहन सिंह अपनी बात पर टिका रहा और डीएम को बंद करने की धमकी भी दे डाली। उसने साफ कहा कि रिश्वत देने के अपराध में वह उन्हें बंद करा देगा। इस वाक्ये के बाद से डीएम मंगेश घिल्डियाल तो सुर्खियों में हैं ही कांस्टेबल मोहन सिंह भी हीरो बन गया है। सोशल मीडिया पर इस कांस्टेबल की खूब तारीफ हो रही है। कांस्टेबल मोहन सिंह ने कहा कि उन्हें कतई अंदाजा नहीं था कि वो डीएम को आगे जाने से रोक रहे हैं। वो अपनी ड्यूटी ईमानदारी से करना चाहते हैं, ताकि यात्रियो को कोई परेशानी ना हो। बैरियर पर डीएम साहब को रोककर उसने अपना फर्ज निभाया है। वहीं डीएम मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि यात्रा के दौरान भारी दबाव के बीच भी कई अधिकारी और कर्मचारी ईमानदारी से अपना काम कर रहे हैं। ये बहुत अच्छी बात है। कांस्टेबल मोहन सिंह को वो खुद नकद धनराशि और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित करेंगे।