उत्तराखंड रुद्रप्रयागkedarnath viral video case will solve soon

केदारनाथ में खुद को VIP बता रहे थे ये लोग? पुलिस पर लगे आरोप झूठे? DM मंगेश करेंगे जांच

डीएम मंगेश घिल्डियाल को इस मामले में निष्पक्ष कार्रवाई के निर्देश दे दिए गए हैं। पुलिस गलत है या फिर वीडियो बनाने वाले लोग...जल्द पता चलेगा।

केदारनाथ पुलिस वीडियो: kedarnath viral video case will solve soon
Image: kedarnath viral video case will solve soon (Source: Social Media)

रुद्रप्रयाग: गुरूवार को केदारनाथ धाम में कथित रूप से एक परिवार के साथ पुलिसकर्मी द्वारा दुव्र्यवहार करने की खबर का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग को घटना की जांच कर आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। केदारनाथ धाम में इस वर्ष अभी तक लाखों श्रद्धालु आ चुके हैं। कभी भी इस तरह की शिकायत नहीं मिली है। मुख्यमंत्री ने जिलाधकारी रूद्रप्रयाग को घटना की सत्यता की निष्पक्ष रूप से जांच करते हुए कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग मंगेश घिल्डियाल द्वारा बताया गया है कि संयुक्त मजिस्ट्रेट व सीओ केदारनाथ को संयुक्त रूप से जांच दे दी गई है, जिनके द्वारा सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से एवं अन्य लोगों से पूछताछ कर जांच की जाएगी। स्थानीय पुलिस द्वारा दी गई प्रारम्भिक रिपोर्ट के अनुसार दिनांक 6 जून 2019 को श्री केदारनाथ यात्रा पर आए एक व्यक्ति द्वारा वीडियो संदेश के माध्यम से अवगत कराया जा रहा है कि, वो और उसका परिवार जो कि श्री केदारनाथ मंदिर में दर्शन हेतु आया था। उनके साथ वहां पर नियुक्त पुलिसकर्मियों द्वारा मारपीट व अभद्रता की गई है।

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पुलिस के मुताबिक उस वीडियो में ये भी देखा जा सकता है कि पार्श्व में कुछ लोगों के द्वारा (अपने निजी स्वार्थ के दृष्टिगत) भी उसे उत्प्रेरित किया जा रहा है। इस सम्बन्ध में स्पष्ट करना है कि वर्तमान समय में श्री केदारनाथ धाम में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में दिन -प्रतिदिन काफी वृद्धि हो रही है व यात्रियों की लंबी लाइन लग रही है। कुछ दिनों पूर्व ये व्यवस्था की गई है कि मंदिर के गर्भ-गृह में बिना चक्कर लगाए ही श्रद्धालु बाहर आएंगे और अत्यधिक समयावधि तक मंदिर के अंदर खड़े नहीं रहेंगे। इस हेतु मंदिर गर्भ गृह के अंदर महिला उपनिरीक्षक व महिला पुलिस कार्मिकों की तैनाती भी की गई है। कुछ लोगों को यह व्यवस्था उनके निजी स्वार्थ पूरे न होने के कारण सही नहीं लग रही है। पुलिस ने घटनाक्रम के संबंध में स्पष्ट किया है कि एक परिवार जिसके द्वारा अपने को मध्य प्रदेश के किसी वीआईपी का हवाला देते हुए मंदिर के अंदर जाने की जिद की गई तथा पूजा में अत्याधिक समय लिया गया। साथ ही इनके द्वारा झूठ बोला गया कि इनके साथ अन्य बुजुर्ग लोग भी हैं। इनके द्वारा बताया गया कि उनकी बालिका जो कि 14 साल की है को उठा कर फेंका गया, इसमें स्पष्ट करना है कि उक्त बालिका का पैर किसी अन्य श्रद्धालु की वजह से दब गया था।

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इस परिवार द्वारा वहां पर तैनात पुलिसकर्मियों के साथ धक्का-मुक्की करते हुए अंदर जाने पर ड्यूटी पर तैनात उपनिरीक्षक द्वारा उन्हें बाहर लाया गया और समझाया गया कि बनाए गए नियमों के हिसाब से ही यहां पर बाबा केदार के दर्शन हो रहे हैं। परिवार के सदस्यों द्वारा मन्दिर दर्शन के अनुरोध पर उक्त परिवार के दर्शन कराए जाने हेतु पुलिस द्वारा मदद की गई। प्रथम दृष्टया लगाए गए आरोपों की पुष्टि नहीं हुई है, फिर भी घटना की विस्तृत जांच की जा रही है, जिसमें सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से एवं अन्य लोगों से पूछताछ कर जांच की जाएगी। अब तक करीबन साढ़े तीन लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने श्री केदारनाथ के दर्शन कर लिए गए हैं, किसी के द्वारा भी इस तरह की शिकायत नहीं की गई है। देखिए वो वीडियो

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