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नमन: अधूरी रह गई प्रकाश पंत की ये इच्छा...यहां बनाना चाहते थे देवभूमि का पांचवा धाम

भले ही आज वित्त मंत्री प्रकाश पंत हमारे बीच न हों लेकिन उनकी स्वर्णिम यादें जीवित हैं। हां...एक इच्छा थी, जो अधूरी रह गई।

प्रकाश पंत: prakash pant last wish
Image: prakash pant last wish (Source: Social Media)

देहरादून: ऐसे नेता बहुत कम होते हैं जो अपनी सादगी और सेवा से जनता के दिलों पर राज करते हैं, उनकी सेवा को अपने जीवन का उद्देश्य बना लेते हैं, ऐसे ही लोगों को हम जननायक कहते हैं....उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रकाश पंत भी ऐसे ही नेता थे। तमाम राजनीतिक विवादों से दूर रहे प्रकाश पंत उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमांऊ रीजन को एक-दूसरे से सांस्कृतिक तौर पर जोड़ना चाहते थे, पर उनकी ये दिली तमन्ना पूरी नहीं हो सकी। प्रकाश पंत चाहते थे जागेश्वर धाम को पांचवे धाम के तौर पर विकसित किया जाए, इसके लिए वो जागेश्वर और बागेश्वर को एक ट्रैक रूट में जोड़ने का सपना देखा करते थे, पर ये सपना अधूरा रह गया। बागेश्वर के लोग उन्हें याद कर शोक में डूबे हैं। बीती 14 जनवरी को वो उत्तरायणी मेले का शुभारंभ करने बागेश्वर आए थे। तब उन्होंने जनता से वादा किया था..आगे भी पढ़िए

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प्रकाश पंत ने उस दौरान वादा किया था कि अल्मोड़ा के प्रसिद्ध जागेश्वर धाम और कुमाऊं की काशी के तौर पर विख्यात बागनाथ धाम को एक रूट से जोड़ा जाएगा और इसे पांचवे धाम का दर्जा दिया जाएगा। उनके आश्वासन से बागेश्वर के पर्यटन नगरी के तौर पर विकसित होने की उम्मीद जगी थी, पर उनके निधन के बाद अब ये उम्मीद भी टूट गई। पंत ने उत्तरायणी मेले को राजकीय मेला घोषित करने के लिए हर मदद का आश्वासन भी दिया था। नगर पालिका अध्यक्ष सुरेश खेतवाल ने वित्त मंत्री प्रकाश पंत के निधन पर शोक जताया। उन्होंने कहा कि प्रकाश पंत के रूप में जनता ने अपना प्रिय नेता खो दिया। वो होते तो क्षेत्र में विकास रफ्तार पकड़ता, पर अब तो कोई उम्मीद ही नहीं बची। पहाड़ के लोग उन्हें हमेशा याद रखेंगे। शत शत नमन