उत्तराखंड चमोलीdoctor rajeev sharma relive from karnprayag

देवभूमि का देवदूत..28 साल पहाड़ की सेवा कर रिलीव हुए डॉक्टर राजीव..देखिए भावुक संदेश

कर्णप्रयाग के डॉक्टर राजीव शर्मा यूपी के लिए रिलीव हो गए। उनके जाने से स्थानीय लोग बेहद मायूस हैं। देखिए डॉक्टर राजीव ने पहाड़ के डॉक्टर्स को क्या संदेश दिया है।

उत्तराखंड: doctor rajeev sharma relive from karnprayag
Image: doctor rajeev sharma relive from karnprayag (Source: Social Media)

चमोली: ये सच है कि हम ऐसे दौर में जी रहे हैं, जहां इंसान चांद पर पहुंच गया है, पर सच ये भी है कि हमारे पास सड़क पार कर पड़ोसी से मिलने तक का वक्त नहीं है। ये ऐसा ही समय है जहां मतलबपरस्ती और खुदगर्जी का बोलबाला है, ऐसे वक्त में भी पहाड़ को एक ऐसा इंसान मिला, जो पहाड़ का नहीं था, पर उसने पहाड़ को दिल से जिया, ये हैं कर्णप्रयाग के डॉ. राजीव शर्मा जो कि विशेषज्ञ के तौर पर पिछले 28 साल से कर्णप्रयाग के सरकारी अस्पताल में सेवा दे रहे थे। अब उन्हें यूपी के लिए रिलीव कर दिया गया है, उनकी जगह कोई और डॉक्टर होता तो शायद पहाड़ से पीछा छूट जाने की खुशी मनाता, पर डॉ. राजीव शर्मा बेहद उदास हैं। कोई पहाड़ी भी पहाड़ के लिए इतना नहीं करता जितना स्पेशलिस्ट डॉक्टर राजीव शर्मा ने यहां और यहां के लोगों के लिए किया। पहाड़ों में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल किसी से छिपा नहीं है। ऐसे वक्त में भी 28 साल पहले डॉक्टर राजीव ने ना सिर्फ पहाड़ में आना स्वीकार किया, बल्कि यहां के लोगों की सेवा भी की।

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बता दें कि सरकार ने चमोली जिले के 5 स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स को उत्तर प्रदेश के लिए अवमुक्त करने का आदेश सुनाया है। इन डॉक्टर्स में यूपी कैडर के राजीव शर्मा और उनकी पत्नी का नाम भी है। पहाड़ से जाने का फरमान मिलते ही डॉक्टर बेबस और भावुक हो गए, वहीं लोगों का गुस्सा चरम पर है। शर्मा दंपति साल 1992 में पहली बार कर्णप्रयाग के अस्पताल में सेवा देने आए थे, वक्त बीता और इन्होंने पूरी जिंदगी ही पहाड़ और यहां के लोगों के नाम कर दी। डॉ. राजीव शर्मा सर्जन हैं, जबकि उनकी पत्नी डॉ. उमा शर्मा स्त्री रोग विशेषज्ञ। यूपी जाने का फरमान मिलने के बाद डॉक्टर शर्मा मीडियाकर्मियों से मिले, इस दौरान वो बेहद भावुक दिखे। उन्होंने फेसबुक पर एक पोस्ट भी लिखी है, जिसमें उनके दिल का दर्द साफ झलक रहा है। ये पोस्ट पढ़कर आपकी भी आंखे भर आएंगी। पहाड़ों में डॉक्टर टिकने को तैयार नहीं हैं, पर डॉक्टर शर्मा हैं कि पहाड़ के होकर रह गए हैं।

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डॉक्टर राजीव शर्मा ने फेसबुक पर लिखा है...कहते हैं पहाड़ का पानी और जवानी पहाड़ के काम नहीं आते। 1992 की शुरुआत में कर्णप्रयाग आते ही जैसे मैं पहाड़ का ही हो गया और नियति ने मेरी जवानी पहाड़ के नाम ही लिखकर यहां भेजा था...ये शब्द डॉक्टर राजीव शर्मा के जज्बात बयां करते हैं, वो तो ये तक कहते हैं कि ये पूर्व जन्म का ही रिश्ता रहा होगा जो कि उन्हें पहाड़ में आने का, यहां की सेवा करने का मौका मिला। देखिए उनका भावुक संदेश

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