देहरादून: पौड़ी गढ़वाल के पिनानी गांव के गरीब घर का लड़का। गुरबत की जिंदगी से निकलकर वो पहले शिक्षक बने और अब देश के मानव संसाधन मंत्री बने हैं। रमेश पोखरियाल निशंक की जिंदगी काफी उतार चढ़ावों से भरी रही है। या यूं कहें कि सरस्वती शिशु मंदिर के आचार्य से राज्य का मुख्यमंत्री और फिर केंद्रीय मंत्री बनने की ये यात्रा बेहद अलहदा है। वो जीवन के शुरुआती दिनों से संघ से जुड़े रहे और इसके बाद जोशीमठ स्थित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में प्राचार्य रहे। उस दौरान आरएसेस का स्वयंसेवक होने के साथ-साथ उन्हें शिक्षक की दो-दो जिम्मेदारियां संभालनी होती थीं। अध्यापन के काम के दौरान निशंक समाज सेवा में सक्रिय रहे और इसके बाद राजनीति से जुड़ गए। राजनीति में उनके कदम जमें तो पीछे मुड़कर नहीं देखा। आगे पढ़िए