उत्तराखंड चमोलीchamoli pramod kumar martyerd

मिशन पर शहीद हुआ देवभूमि का सपूत...परिवार में इकलौता कमाने वाला चला गया

जरा सोचिए उस परिवार पर क्या बीत रही होगी, जिसका इकलौता कमाने वाला बेटा शहीद हो गया। देवभूमि के सपूत को नमन

उत्तराखंड: chamoli pramod kumar martyerd
Image: chamoli pramod kumar martyerd (Source: Social Media)

चमोली: उत्तराखंड से एक दुखद खबर आ रही है। चमोली जिले के पीपलकोटी का लाल प्रमोद एक मिशन पर शहीद हो गया। अरुणाचल प्रदेश में तैनात पायनियर प्रमोद कुमार का चमोली के बिरही अलकनंदा घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। लोगों ने नम आंखों से अपने सपूत को श्रद्धांजलि दी। बताया जा रहा है कि 40 साल के प्रमोद कुमार एक मिशन के दौरान शहीद हो गये थे। परिवार को फोन पर उनकी शहादत की सूचना दी गई, तो मा-पिता की आंखों में आंसू भर गए। शहीद प्रमोद कुमार अपने परिवार के इकलौते शख्स थे. जो कमाई कर रहे थे और उनकी तनख्वाह से ही परिवार का पेट पलता था। गजब के जीवट होते हैं ऐसे जवान, जो अपने हालातों को दूर रखकर देशसेवा के मिशन पर चल पड़ते हैं। परिवार में माता, पत्नी और तीन बच्चे हैं…जो पढ़ाई कर रहे हैं।

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शहीद का पार्थिव शरीर पीपलकोटी स्थित उनके गांव नौरख लाया गया। शहीद प्रमोद का पार्थिव शरीर जैसे ही गांव पहुंचा तो पूरे क्षेत्र में माहौल गमगीन हो गया। बड़ी संख्या में लोग उनके अंतिम दर्शन करने और श्रद्धाजंलि देने के लिए उमड़ पड़े। जिसके बाद शहीद प्रमोद कुमार के पार्थिव शरीर को सैनिक सम्मान के साथ बिरही अलकनंदा घाट पर ले जाया गया, जहां उनके पुत्र ने उन्हें मुखाग्नि दी। सीमा सड़क संगठन के जवान प्रमोद अरुणाचल में तैनात थे। वो एक मिशन पर गए थे और शहीद हो गए। फइलहाल अब सबसे बड़ी चिंता का विषय ये है कि आखिर अब परिवार का पेट कैसे पलेगा ? परिवार में इकलौता शख्स, जो कमाई कर रहा था...वो चला गया। शहीद प्रमोद को राज्य समीक्षा की टीम का शत शत नमन...जय हिंद