उत्तराखंड देहरादूनshocking Dehradun municipality does not land records

देहरादून में निगम को नहीं पता कहां है जमीन.. अवैध कब्जे पर कैसे होगी कार्रवाई ?

रायपुर की एक जमीन पर नगर निगम ने अवैध निर्माण तो रुकवा दिया, लेकिन ये जमीन निगम की है या नहीं...इस बारे में खुद निगम अधिकारियों तक को जानकारी नहीं है।

देहरादून नगर निगम: shocking Dehradun municipality does not land records
Image: shocking Dehradun municipality does not land records (Source: Social Media)

देहरादून: पहाड़ों में शहर से लेकर कस्बों तक की जमीनें भूमाफिया कब्जा रहे हैं...खेतों-खेलों के मैदानों पर अब होटल-रेस्टोरेंट खड़े हो गए हैं...पर प्रशासन है कि जागने का नाम ही नहीं ले रहा। अब देहरादून में ही देख लीजिए, जहां रायपुर क्षेत्र की एक जमीन पर कब्जे को लेकर हुए विवाद के बाद नगर निगम ने इस जमीन पर हो रहा निर्माण कार्य तो रुकवा दिया, लेकिन नगर निगम को अब तक ये पता नहीं है कि जमीन नगर निगम की है या किसी और की...अब आप खुद ही समझ सकते हैं कि जब नगर निगम को अपनी जमीन के बारे में ही जानकारी नहीं है तो वो अवैध कब्जा कैसे हटाते होंगे। पूरा मामला है क्या चलिए आपको बताते हैं। दरअस रायपुर क्षेत्र में एक जमीन पर भूमाफिया ने कब्जा कर नाली तोड़ने का काम शुरू करा दिया था। रायपुर विधायक और क्षेत्रीय पार्षद की शिकायत के बाद निगम ने इस जमीन पर हो रहा काम तो रुकवा दिया, लेकिन नगर आयुक्त का कहना है कि जमीन नगर निगम की है या नहीं ये फिलहाल साफ नहीं हो पाया है। उन्होंने बताया कि अगर जांच में सामने आया कि वो नगर निगम की जमीन है तो संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

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मामला 4 मई का है, रायपुर क्षेत्र के सिद्ध विहार इलाके में सड़क पर पुल का निर्माण हो रहा था। क्षेत्रीय सभासद पूजा नेगी ने इस बारे में रायपुर विधायक उमेश काऊ को जानकारी दी। जिसके बाद विधायक उमेश काऊ और उनके समर्थक मौके पर पहुंचे और काम रोकने को कहा। इस दौरान होटल संचालक दीपक नेगी से जमीन को लेकर विधायक और उनके समर्थकों की कहासुनी भी हुई। मामले ने तूल पकड़ा तो विधायक उमेश काऊ ओर क्षेत्रीय पार्षद ने मामले की शिकायत नगर निगम से की जिसके बाद निगम ने निर्माण कार्य रुकवा दिया। होटल संचालक का कहना है कि जिस जमीन पर वो होटल बनवा रहा है वो उसकी है। वहीं नगर आयुक्त विनय शंकर पांडे ने कहा कि फिलहाल ये कह पाना मुश्किल है कि जमीन नगर निगम की है या किसी और की। रायपुर विधायक और पार्षद ने शिकायत की थी कि नाली के बगल की जमीन पर जेसीबी चलाकर उसको समतल किया जा रहा है। इसी शिकायत के आधार पर जमीन पर हो रहे कार्य को रुकवा दिया गया है। जमीन किसकी है ये जानने के लिए जिलाधिकारी से अनुरोध किया गया है कि एक टीम बनाकर जमीन का सर्वे किया जाए...जब से ये मामला मीडिया में उछला है, हर कोई हैरान है...लोग पूछ रहे हैं कि जब निगम अधिकारियों को अपनी जमीन के बारे में पता ही नहीं है, तो फिर वो अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई कैसे करेंगे, इसी नकारेपन का फायदा उठाकर भूमाफिया पहाड़ की जमीन हथिया रहे हैं, इन पर लगाम कैसे लगेगी। खैर जो भी हो फिलहाल इस जमीन पर काम रुका हुआ है, प्रशासन की तरफ से जमीन का सर्वे कराया जाएगा..तभी साफ हो पाएगा कि जमीन का असली मालिक कौन है।