उत्तराखंड Story of vasudhara in uttarakhand

देवभूमि का वो पवित्र झरना, जिसके पानी की बूंद पापियों के शरीर पर नहीं गिरती

आइए आज आपको देवभूमि के उस रहस्य से रू-ब-रू करवाते हैं, जो वास्तव में विज्ञान के लिए भी एक पहेली है।

उत्तराखंड न्यूज: Story of vasudhara in uttarakhand
Image: Story of vasudhara in uttarakhand (Source: Social Media)

: देवभूमि उत्तराखंड रहस्यों की भूमि है। यहां की कई जगहों को रहस्यमय शक्तियों से जोड़कर देखा जाता है। कई रहस्यमयी बातें ऐसी है, जिन्हें देखकर खुद विज्ञान भी हैरान है। ऐसा ही एक रहस्यमय झरना बदरीनाथ धाम के पास मौजूद है, जिसके बारे में कहा जाता है कि इसका पानी हर इंसान के तन पर नहीं गिरता। वास्तव में आपको यकीन ना हो लेकिन कई लोग इस बात को सच मानचे हैं। ये भी माना जाता है कि इस झरने का पानी केवल पुण्यआत्माओं की मौजूदगी ही स्वीकार करता है, पापियों के शरीर पर इस झरने की बूंदें नहीं गिरती। ये झरना है वसुधारा जो कि बदरीनाथ धाम से 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। वसुधारा का पानी 400 फीट की ऊंचाई से गिरता है। ये झरना इतना ऊंचा है कि पर्वत के मूल से पर्वत के शिखर तक पूरा झरना एक नजर में नहीं देखा जा सकता। इसलिए आपको इसको सही से देखने के लिए काफी वक्त की जरूरत होती है आईए इस झरने के बारे में आपको कुछ हैरान कर देने वाली बताते हैं।

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वसुधारा को लेकर कई कहानियां प्रचलित हैं। इसे वसुओं की तपस्थली कहा जाता है। यहां आने वाले पर्यटक पानी की बौछारों और हवा के स्पर्श को करीब से महसूस करते हैं, जो कि स्वर्ग में होने का अहसास कराता है। मान्यता है कि इस झरने का पानी खुद स्वर्ग से देवता आकर ग्रहण करते हैं। मान्यता ये भी है कि अगर आपने जीवन में कुछ पुण्य किया है, तभी आपको इस झरने की बूंदों का अहसास होगा। वसुधारा तक पहुंचने का रास्ता काफी मुश्किल है, लेकिन इस धारा के करीब पहुंचने पर जो सूकून मिलता है, वो लोगों की सारी थकान मिटा देता है। इस धारा के पानी में कई औषधीय गुण हैं, जिन पर रिचर्स चल रही है। वसुधारा में नहाने से मनुष्य कई तरह के रोगों से मुक्त हो जाता है। यही वजह है कि इस झरने के पानी को पाने के लिए यहां लोगों की कतार लगी रहती है।

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