उत्तराखंड देहरादूनamit shah to visit uttarakhand for loksabha election

उत्तराखंड में आएंगे अमित शाह, यहीं से होगा 2019 का शंखनाद..तैयार हुआ प्लान!

लीजिए...उत्तराखंड के लिए बीजेपी ने 2019 लोकसभा की तैयारी शुरू कर दी है। अमित शाह देहरादून आ रहे हैं।

उत्तराखंड: amit shah to visit uttarakhand for loksabha election
Image: amit shah to visit uttarakhand for loksabha election (Source: Social Media)

देहरादून: आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी नेतृत्व ने कमर कस ली है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता अलग-अलग क्षेत्रों के दौरे पर हैं ताकि बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाया जा सके। इसी कड़ी में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह आगामी दो फरवरी को उत्तराखंड दौरे पर आएंगे। अमित शाह बीजेपी के त्रिशक्ति सम्मेलन को संबोधित करने के साथ ही पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर लोकसभा चुनाव की तैयारी संबंधी फीडबैक लेंगे। प्रदेश बीजेपी पदाधिकारियों ने शाह के दौरे की तैयारी शुरू कर दी है। लोकसभा चुनाव नजदीक हैं। बीजेपी इस चुनाव में भी साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में मिली जीत को दोहराना चाहेगी। पार्टी ने अपनी रणनीति पर काम करने के साथ ही अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। दरअसल पिछले कुछ समय से बीजेपी को नई चुनौतियों से दो-चार होना पड़ रहा है, यही वजह है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता खुद पार्टी संगठनों से मिलकर चुनाव की तैयारियों का जायजा ले रहे हैं।

ये भी पढ़ें:

यह भी पढें - लोकसभा चुनाव 2019: नैनीताल सीट पर यशपाल आर्य ने पेश की दावेदारी
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह 2 फरवरी को देहरादून में त्रिशक्ति सम्मेलन को संबोधित करेंगे। सम्मेलन में बूथ पालक, बूथ अध्यक्ष और बूथ लेवल एजेंट हिस्सा लेंगे। पार्टी चुनावी प्रबंधन को बेहतर से बेहतर बनाने की रणनीति पर काम कर रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 70 में से 57 सीटें जीती थीं, जबकि लोकसभा चुनाव में पांचों सीटें जीतने में बीजेपी सफल रही थी, लेकिन इस बार इस प्रदर्शन को दोहरा पाना बीजेपी के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। यही वजह है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी चुनावी तैयारियों के क्रम में पहले बूथ मैनेजमेंट से जुड़े कार्यकर्ताओं के कार्यक्रम को ही तवज्जो दी है। गत जून में अपने एक दिनी दौरे के दौरान भी भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कार्यकर्ताओं को पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनावों के प्रदर्शन को दोहराने के लिए अपने वोट बैंक को सहेजने की हिदायत दी थी।