उत्तराखंड 72 hours movie trailer launched

Video: उत्तराखंड शहीद जसवंत रावत पर बनी बेमिसाल फिल्म, देखिए जबरदस्त ट्रेलर

बस कुछ ही वक्त रह गया है, जब दुनियाभर के लोग उत्तराखंड के सपूत जसवंत सिंह रावत की शौर्यगाथा को बड़े पर्दे पर देखेंगे। इस फिल्म का ट्रेलर देखिए

उत्तराखंड: 72 hours movie trailer launched
Image: 72 hours movie trailer launched (Source: Social Media)

: साल 1962 में हुए भारत-चाइना के ऐतिहासिक युद्ध में दुश्मनों से लोहा लेते हुए शहीद हुए जसवंत सिंह रावत की कहानी जल्द ही सुनहरे पर्दे पर देखने को मिलेगी। शहीद जसवंत रावत पर बनी फिल्म '72 ऑवर्स: मार्टियर हू नेवर डाइड' 18 जनवरी को रिलीज हो रही है। फिल्म का ट्रेलर 24 दिसंबर को देहरादून में रिलीज किया जाएगा। फिल्म में दून के अविनाश ध्यानी ने शहीद जसवंत रावत का किरदार निभाया है। वहीं फिल्म की कहानी लिखने के साथ ही उन्होंने इसका निर्देशन भी किया है। फिल्म उत्तराखंड के चकराता के वैराट खाई, हर्षिल, दून आदि इलाकों में शूट की गई है। करीब 43 दिनों में फिल्म की शूटिंग पूरी कर ली गई। अविनाश ध्यानी बतौर निर्देशक वह इस फिल्म से डेब्यू कर रहे हैं। इससे पहले वह फिल्म फ्रेड्रिक में अभिनय कर चुके हैं।

ये भी पढ़ें:

यह भी पढें - हम लौटें न लौटें...हमारी कहानियां जरूर लौटेंगी ! शहीद जसवंत सिंह रावत की फिल्म का टीजर देखिये
फिल्म का टीजर यूट्यूब पर लांच हो चुका है। जिसे 1.7 मिलियन से ज्यादा लोग देख चुके हैं। फिल्म में दिखाया गया है कि राइफल मैन जसवंत रावत कैसे अकेले 300 से ज्यादा चीनी सैनिकों को मौत के घाट उतार देते हैं। फिल्म के गानों को कई लोकप्रिय गायकों ने अपना आवाज दी है। सुखविंदर सिंह और श्रेया घोषाल ने फिल्म के गीतों को अपनी मधुर आवाज से सजाया है। राइफ़ल मैन जसवंत सिंह भारतीय सेना के सिपाही थे, जो 1962 में नूरारंग की लड़ाई में असाधारण वीरता दिखाते हुए मारे गए थे। उन्हें उनकी बहादुरी के लिए मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित किया गया था। सेला टॉप के पास की सड़क के मोड़ पर वह अपनी लाइट मशीन गन के साथ तैनात थे। चीनियों ने उनकी चौकी पर बार-बार हमले किए लेकिन उन्होंने पीछे हटना क़बूल नहीं किया।

ये भी पढ़ें:

यह भी पढें - Video: उत्तराखंड शहीद की शौर्यगाथा पर बनी ऐतिहासिक फिल्म, जानिए इसकी खास बातें
जसवंत सिंह चीनी सेना से 72 घंटों तक अकेले मुकाबला करते रहे। कहा जाता है जब उनको लगा कि चीनी उन्हें बंदी बना लेंगे तो उन्होंने अंतिम बची गोली से अपने आप को निशाना बना लिया। जसवंत सिंह के मारे जाने के बाद भी उनके नाम के आगे स्वर्गीय नहीं लगाया जाता। वह भारतीय सेना के अकेले सैनिक हैं जिन्हें मौत के बाद प्रमोशन मिलना शुरू हुए। फिल्म के जरिए लोग उनकी कहानी से रूबरू होंगे। देखिए इस फिल्म का ट्रेलर

सब्सक्राइब करें: