उत्तराखंड पिथौरागढ़life stoy of vikas singh bisht from pithoragarh mirthi village

पहाड़ के सुदूर गांव का बेटा..गूगल और माइक्रोसॉफ्ट में पकड़ी गलती..दुनिया ने किया सलाम

प्रतिभा कभी पहचान की मोहताज नहीं होती। पहाड़ के इस लड़के लिए ये कहावत एकदम सटीक साबित होती है।

उत्तराखंड: life stoy of vikas singh bisht from pithoragarh mirthi village
Image: life stoy of vikas singh bisht from pithoragarh mirthi village (Source: Social Media)

पिथौरागढ़: पहाड़ की युवा प्रतिभाएं हर दिन नया रास्ता तलाश रही हैं। ये युवा आंखें हर दिन एक नया सपना देख रही हैं और सपनों को हर दिन नए पंख लगा रही हैं। इन्हीं युवाओं में से एक युवा हैं विकास सिंह बिष्ट। उत्तराखंड के सीमांत जिले पिथौरागढ़ के सुदूर गांव मिर्थी से ताल्लुक रखते हैं विकास। एक साधारण से परिवार का बेटा...पिता चंदन सिंह बिष्ट अध्यापक हैं और धारचूला के जूनियर हाईस्कूल में पढ़ाते हैं। अब आप ये भी जानिए कि विकास सिंह बिष्ट किस दर्जे के हुनरमंद हैं।
दुनिया की जानी मानी कंपनियों में गिनी जाने वाली माइक्रोसॉफ्ट में विकास सिंह बिष्ट ने गलती ढूंढ निकाली। माइक्रोसॉफ्ट में डोमेन डाईजैकिंग बग को ढूंढ निकालने वाले विकास उत्तराखंड के पहले हुनरमंद युवा हैं। इसके लिए खुद माइक्रोसॉफ्ट की तरफ से विकास को 2.21 लाख रुपये का ईनाम दिया गया है। विकास के बारे में कुछ खास बातं जानकर आप भी प्रेरित होंगे...जानिए।

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विकास सिंह बिष्ट वो नाम है, जिसने दुनियाभर के आईटी क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। इससे पहले वो गूगल में भी गलती पकड़ चुके हैं। विकास ने ना सिर्फ गूगल की गलती पकड़ी बल्कि इसके लिए उन्हें ईनाम भी दिया गया। गूगल की सिक्योरिटी टीम ने इस गलती को स्वीकार किया और उसमें सुधार भी किया। बीते साल गूगल में दुनियाभर के कुल 980 आइटी एक्सपर्ट ने गलतियां ढूंढी हैं। इसमें विकास का नंबर 322वां था। गूगल ने अपने खास प्रग्राम बगहंटर के रिवार्ड प्रोग्राम में विकास का नाम डाला। खास बात ये है कि विकास को इस प्रोग्राम को हाल ऑफ फेम में शामिल किया गया है। इसके अलावा गूगल की तरफ से विकास को 100 डॉलर की प्रोत्साहन राशि भी दी गई ।

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विकास मूल रूप से पिथौरागढ़ जिले के मिर्थी के रहने वाले हैं। उन्होंने मेरठ से इंटीग्रेटेड ग्रेजुएशन इन साइबर सिक्योरिटी का कोर्स किया है। इस वक्त विकास देहरादून की इंडियन साइबर डिफेंस एलाइंस संस्था के चीफ ऑपरेशन ऑपरेटर के तौर पर काम कर रहे हैं। इससे पहले विकास सिंगापुर कैप्चर द फ्लैग प्रोगाम में भी अपना दम-खम दिखा चुके हैं। आठ देशों के साइबर एक्सपर्ट्स ने इस प्रोग्राम में हिस्सा लिया था। विकास कहते हैं कि भले ही पलायन आज के दौर में एक बड़ी समस्या बन चुका है लेकिन युवा साइबर की ट्रेनिंग लेकर घर रहकर ही अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं। राज्य समीक्षा की टीम की तरफ से एक बार फिर से विकास बिष्ट को हार्दिक शुभकामनाएं