उत्तराखंड देहरादूनDinesh agarwal mayor candidate dehradun

उत्तराखंड निकाय चुनाव: कांग्रेस का दिनेश पर दांव, देहरादून पर रहेगी देशभर की नज़र

उत्तराखंड निकाय चुनाव के रण में कांग्रेस ने अनुभवी कहे जाने वाले दिनेश अग्रवाल पर देहरादून से दांव खेला। उनकी सीधी टक्कर सुनील उनियाल गामा और रजनी रावत से है।

Dinesh agrwal: Dinesh agarwal mayor candidate dehradun
Image: Dinesh agarwal mayor candidate dehradun (Source: Social Media)

देहरादून: उत्तराखंड में निकाय चुनाव का मैदान सज चुका है। इस बार नज़रें उन कद्दावर प्रत्याशियों पर हैं, जो विरोधियों के लिए मुश्किल का सबब बन सकते हैं। दरअसल इस निकाय चुनाव को लोकसभा चुनाव से पहले सत्ता का सेमीफाइनल कहा जा रहा है इसलिए ये और भी ज्यादा दिलचस्प हो गए हैं। खासतौर पर देहरादून नगर निगम की लड़ाई पर देशभर की नज़रें टिकी हैं। ऐसे में पार्टियों की तरफ से अपने कद्दावर और अनुभवी नेताओं को जमीन पर उतारा गया है। आम आदमी पार्टी ने रजनी रावत के नाम पर मुहर लगाई, बीजेपी ने सुनील उनियाल गामा पर दांव खेला और कांग्रेस ने दिनेश अग्रवाल पर भरोसा जताया। दिनेश अग्रवाल कांग्रेस के वरिष्ठ और अनुभवी नेता हैं। लंबा राजनीतिक करियर, अनुभव और धरातल पर मजबूत पकड़ के लिए दिनेश अग्रवाल को जाना जाता है। आइए इनके बारे में जानिए कुछ खास बातें।

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दिनेश अग्रवाल लगातार तीन बार विधायक रह चुके हैं। इसके अलावा उत्तराखंड में वो कैबिनेट मिनिस्टर भी रह चुके हैं। ये अनुभव ही बाकी दावेदारों पर भारी पड़ा है। दिनेश अग्रवाल ने साल 1968 में कांग्रेस ज्वॉइन की थी। 1972 से वो पार्टी में अलग अलग बड़े पदों पर भी रहे। साल 2001-2002 में दिनेश अग्रवाल बार एसोसिएशन देहरादून के अध्यक्ष बने थे। साल 2002 में उत्तराखंड के पहले विधानसभा चुनाव में दिनेश अग्रवाल ने लक्ष्मण चौक विधानसभा सीट से पूर्व सीएम स्व. नित्यानंद स्वामी को मात दी थी। साल 2007 में दिनेश अग्रवाल लगातार दूसरी बार लक्ष्मण चौक विधानसभा से विधायक चुने गए थे। साल 2012 में धर्मपुर विधानसभा से वो तीसरी बार विधायक चुने गए। कांग्रेस सरकार में खेल मंत्री, वन मंत्री, वन्यजीव व कानून मंत्री जैसे अहम पदों पर वो रह चुके हैं।

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कुल मिलाकर दिनेश अग्रवाल को अनुभव, राजनीतिक करियर और पार्टी के भीतर 'कद' का फायदा मिला है। ऐसे में बीजेपी और आम आदमी पार्टी के सामने कांग्रेस ने भी मजबूत दावेदार पर दांव खेला है। उत्तराखंड नगर निगम चुनाव इस वजह से और भी ज्यादा दिलचस्प हो गया है। राजनीतिक पंडितो के मुताबिक ये चुनाव ही आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिहाज़ से बेहद अहम हो गए हैं। इन चुनावों से ही उत्तराखंड की जनता का मूड भी साफ हो जाएगा। ऐसे में क्या दिनेश अग्रवाल कांग्रेस को मजबूती देने का काम करेंगे ? फिलहाल कद और अनुभव तो ये ही कहता है कि टक्कर जोरदार है, देखना है कि आगे क्या होता है।