उत्तराखंड की शान पर मंडराया खतरा, नैनीताल में बड़ी 'तबाही' का संकेत!
उत्तराखंड की शान पर मंडराया खतरा, नैनीताल में बड़ी 'तबाही' का संकेत!
रश्मि पुनेठा
28 Aug 2018
nainital
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आपको ये बात तो पता ही होगी कि कुछ दिन पहले नैनीताल में लोअर मॉल रोड का 25 मीटर का हिस्सा झील में समा गया है। इसे लेकर जाने माने वरिष्ठ भूवैज्ञानिक प्रोफेसर चारु चंद्र पंत ने कुछ खास बातें बताई हैं। कुमाऊं विश्वविद्यालय के भूगर्भ विभाग के प्रोफेसर पंत ने इस बारे में कुछ ऐसी बातें एक बड़े अखबार बताई हैं, जिनके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे। दरअसल नैनीताल की प्राकृतिक संरचना इस तरह की है कि यहां कंपन की वजह से भूस्खलन का खतरा बढ़ जाता है। जरा सोचिए कि पर्यटन स्थल होने की वजह से जिस तरह से नैनीताल में गाड़ियों की आवाजाही रहती है उससे यहां की सड़क पर कितना दबाव होगा ? जब से लोअर मॉल रोड का हिस्सा जमीन में समाया है, तब से उस सड़क से गुजरते हर वाहन चालक के मन में एक डर सा है कि कहीं वो भी कभी इस तरह के किसी हादसे की चपेट में ना आ जाएं।
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इस छोटे से हादसे के पीछे छिपी एक बड़ी तबाही की आहट ने नैनीताल को लोगों को डरा कर रख दिया है। नैनीताल उत्तराखंड का एक बेहद लोकप्रिय टूरिस्ट डेस्टिनेशन है। जिसके चलते साल भर ही यहां पर्यटकों का मेला लगा रहता है। लेकिन अब इस भीड़-भाड़ का खामियाजा इस लेक सिटी को उठाना पड़ रहा है। अगर इसको प्रभावी रूप से नियंत्रित नहीं किया गया तो कभी भी बड़ा भूस्खलन यहां तबाही मचा सकता है। प्रोफेसर पंत के मुताबिक नैनीताल झील में माल रोड का जो हिस्सा समाया, वहां ब्रिटिश अधिकारियों ने झील की दीवार बनाई थी। इसमें सीमेंट का इस्तेमाल नहीं किया गया बल्कि इसमें खास तौर से कटिंग कर पत्थर लगाए गए थे। झील का स्तर बढ़ने के दौरान पानी का दबाव बढ़ने पर पानी इनके अंदर चला जाता था और बाद में जलस्तर घटने पर वापस झील में आ जाता था। अब स्थिति बदल गई है।
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लगातार हुए मिट्टी के कटाव की वजह से जमीन खोखली होती गई और फिर जो हुआ वो बेहद डरा देने वाला और एक तरीके से चेतावनी देने वाला है। प्रोफेसर पंत की माने तो गाड़ियों के लगातार बढते दबाव से ये खतरा और बढ़ गया है। राजभवन मार्ग की ओर यातायात का दबाव बढ़ना बेहद खतरनाक है। शनि मंदिर के ऊपरी हिस्से में डिग्री कॉलेज के आसपास की चट्टानें कमजोर होने के साथ ही ऐसी हैं जो आपस में जुड़कर बनी हैं। लेकिन खतरा इस बात का है कि भारी ट्रैफिक की वजह से होने वाले कंपन के चलते ये जोड़ खुल सकते हैं और पहाड़ी का बहुत बड़ा हिस्सा झील में समा सकता है। इसलिए बेहद जरुरी है कि वक्त रहते इस ओर ध्यान दिया जाए वरना बड़ी तबाही आ सकती है। देखना है कि आगे इस मामले में क्या होता है।