उत्तराखंड चमोली48 workers buried in Chamoli glacier rescued

चमोली: ग्लेशियर में अब भी दबे हैं 8 मजदूर, 47 हुए रेस्क्यू.. ग्राउंड जीरो से लेटेस्ट अपडेट

रेस्क्यू टीम ने अब तक 55 में से 47 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल दिया है। अन्य 8 मजदूरों की तलाश अभी जारी है। अस्पतालों में भर्ती घायल की स्थिति बेहद गंभीर है।

Chamoli Glacier Burst: 48 workers buried in Chamoli glacier rescued
Image: 48 workers buried in Chamoli glacier rescued (Source: Social Media)

चमोली: जनपद चमोली में माणा के आगे घस्तौली मार्ग पर ग्लेशियर टूटने के बाद हुए हिमस्खलन के कारण 55 मजदूर बर्फ में दब गए थे। हादसे के बाद सेना, ITBP, SDRF और बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन ने रेस्क्यू ऑपरेशन जारी किया. मजदूरों को बचाने के लिए आज सुबह से भी लगातार रेस्क्यू कार्य जारी है।

48 workers buried in Chamoli glacier rescued

बद्रीनाथ धाम के माणा के आगे घस्तौली मार्ग पर बीते शुक्रवार सुबह लगभग 5 बजे ग्लेशियर टूटने उसमें 55 मजदूर दब गए थे। ग्लेशियर टूटने की जानकारी पुलिस को 8:00 बजे मिली, जिसके बाद ITBP और BRO टीम ने रेश्क्यू ऑपरेशन चलाया। आइटीबीपी आर्मी की टीम सबसे पहले मौके पर पहुंची जिसके बाद ग्लेशियर के अंदर फंसे हुए लोगों को बाहर निकालने की कड़ी मशक्कत की गई। लगभग दोपहर 12:00 बजे तक टीम ने 10 से अधिक मजदूरों को एवलांच से बाहर निकाला, उनका इलाज निकट आर्मी के अस्पताल में चल रहा है।

7 मजदूरों की तलाश जारी

बताया जा रहा है कि ग्लेशियर में दबे अधिकांश मजदूर उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, जम्मू ,पंजाब, के निवासी हैं। ये मजदूर सीमावर्ती इलाकों में बर्फ हटाने के काम में तैनात थे। रेस्क्यू टीम ने अब तक 55 में से 47 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल दिया है। अन्य 8 मजदूरों की तलाश अभी जारी है। अस्पतालों में भर्ती घायल की स्थिति बेहद गंभीर है, डॉ उन्हें बचाने का पूरा प्रयास कर रहे हैं।

हेलिकॉप्टर के माध्यम से रेस्क्यू

हिमस्खलन के मद्देनजर, एसडीआरएफ मुख्यालय जौलीग्रांट ने सतर्कता बरतते हुए तीन उच्च ऊंचाई वाली बचाव टीमों को जौलीग्रांट, सहस्रधारा और गोचर में तैनात किया है। जैसे ही मौसम साफ हुआ, टीमों ने हेलिकॉप्टर के माध्यम से रेस्क्यू उपकरणों के साथ उड़ान भरी। गोचर और सहस्रधारा में आठ-आठ सदस्यों की दो टीमों और जौलीग्रांट मुख्यालय में दस सदस्यों की एक टीम को तैनात किया गया है। इन टीमों को सेटेलाइट फोन और बर्फ में बचाव के लिए आवश्यक उपकरणों के साथ तैयार किया गया है। इसके साथ ही, एसडीआरएफ में भी अलर्ट जारी किया गया है। यदि घायलों को एम्स ऋषिकेश भेजा जाता है, तो इसके लिए ढालवाला की टीम को सतर्क रखा गया है।

मुख्यमंत्री पहुंचे जोशीमठ के आर्मी हेलीपेड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ के आर्मी हेलीपेड पर पहुंचकर घायलों की स्थिति के बारे में जानकारी ली। माणा में हुए हिमस्खलन के बचाव कार्य को ध्यान में रखते हुए, आज जीओसी इन सी सेंट्रल कमांड, लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता और जीओसी उत्तर भारत एरिया माणा का दौरा करेंगे। यदि मौसम अनुकूल रहा, तो लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता मीडिया को घटना स्थल जानकारी प्रदान करेंगे।