उत्तराखंड देहरादूनMysterious hut found in dense forest

देहरादून: घने जंगल में रहस्यमयी और आकर्षक कुटिया में रह रहा था कोई, अवैध गतिविधियां होने का शक

धूलकोट के घने जंगल के स्थानीय ग्रामीणों ने वन आरक्षित क्षेत्र में एक रहस्यमयी कुटिया देखी तो उनमें हडकंप मच गया. इतने घने और वन आरक्षित क्षेत्र में ये आकर्षक डिजाइन की कुटिया देखकर सब हैरान हो गए.

Mysterious hut found: Mysterious hut found in dense forest
Image: Mysterious hut found in dense forest (Source: Social Media)

देहरादून: पांवटा मार्ग पर धूलकोट के घने जंगल के बीचों-बीच ग्रामीणों को एक रहस्यमयी कुटिया मिली है। ग्रामीणों ने वन आरक्षित क्षेत्र में कुटिया होने की जानकारी वन विभाग की टीम को दी. मौके पर पहुंची वन विभाग ने कुटिया को ध्वस्त कर उसके रहस्य की जांच शुरू की।

Mysterious hut found in dense forest

स्थानीय ग्रामीणों ने धूलकोट के घने जंगल में वन आरक्षित क्षेत्र में एक रहस्यमयी कुटिया देखी तो उनमें हडकंप मच गया. इतने घने और वन आरक्षित क्षेत्र में ये आकर्षक डिजाइन की कुटिया देखकर सब हैरान हो गए. स्थानीय लोगों को आशंका हुई कि इस जगह पर कोई अवैध रूप से रह रहा है। ग्रामीणों ने तुरंत इस कुटिया की जानकारी वन विभाग की टीम को दी. सूचना मिलने के बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची.

अवैध कुटिया की गई ध्वस्त

वन विभाग की टीम ने वहां पहुंचकर देखा की घने जंगल में एक बेहद आकर्षक कुटिया बनाई गई है. इधर-उधर जांच करने पर देखा गया कि वहां लकड़ियों से अन्य सामग्री भी बनाई गई है. कुटिया से कुछ दूरी पर राख का ढेर था. लेकिन वहां टीम को कोई भी व्यक्ति नहीं मिला. वन विभाग की टीम ने अवैध कुटिया को ध्वस्त कर दिया है, टीम का कहना है कि हो सकता है किसी ने इंटरनेट मीडिया पर वीडियो बनाने के लिए इस कुटिया का निर्माण किया हो। आगे पढ़िए..

  • अवैध गतिविधियों की आशंका

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    जागरण की रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रामीणों का कहना है कि जंगल के बीच में अवैध रूप से पेड़ काटकर कुटिया और अन्य सामग्री भी बनाई गई हैं। कुटिया के पास में राख के ढेर भी मिले, जिससे ये पता चलता है कुछ लोग यहां आग जलाकर ठहरे थे। ग्रामीणों ने यहां अवैध गतिविधियों के संचालित होने की आशंका व्यक्त की है। ग्रामीणों ने झाझरा रेंजर को एक लिखित शिकायत प्रस्तुत की है, जिसमें उन्होंने धूलकोट के वन कर्मचारी राजू प्रसाद पर अभद्रता का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि राजू प्रसाद ग्रामवासियों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं और अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हैं। राजू प्रसाद की नियुक्ति के बाद से क्षेत्र में अवैध रूप से पेड़ काटने की घटनाएं बढ़ गई हैं और वे वन संपदा को भी बेचने का कार्य कर रहे हैं। इस स्थिति को देखते हुए ग्रामीणों ने उनके स्थानांतरण की मांग की है।