उत्तराखंड देहरादूनGhananand Ghanna Died in Mahant Indiresh Hospital

उत्तराखंड: महंत इंद्रेश हॉस्पिटल से बेहद दुखद खबर, प्रसिद्ध कलाकार घनानंद घन्ना का स्वर्गवास

अस्पताल के पीआरओ भूपेन्द्र रतूड़ी ने उनके निधन की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि कुछ देर पहले हृदय गति रुकने से उनकी मृत्यु हो गई. डॉक्टरों ने उन्हें सीपीआर देने की कोशिश की गई, लेकिन वो रिवाइव नहीं कर पाए.

Ghananand Ghanna Died: Ghananand Ghanna Died in Mahant Indiresh Hospital
Image: Ghananand Ghanna Died in Mahant Indiresh Hospital (Source: Social Media)

देहरादून: उत्तराखंड से आज की सबसे दुखद खबर है, पहाड़ के प्रसिद्ध हास्य कलाकार घनानंद घन्ना का देहांत हो गया है। आज सुबह श्री महंत इंदिरेश अस्पताल देहरादून में इलाज के दौरान उनकी दुखद मृत्यु हो गई है । दिवंगत घन्ना भाई बीते 4 दिनों से वेंटिलेटर पर थे।

Ghananand Ghanna Died in Mahant Indiresh Hospital

पिछले 5 दिनों से वेंटिलेटर पर जिंदगी और मौत के बीच लड़ रहे उत्तराखंड के प्रसिद्ध कलाकार घनानंद जी का आज देहांत हो गया। अपनी पूरी जिंदगी लोगों को हंसने वाले घनानंद आज पूरे उत्तराखंड को रुला कर विदा हो गए हैं। सोशल मीडिया पर पिछले कई दिनों से घनानंद जी की अपडेट्स आ रही थी, पिछले कई दिनों से वह वेंटिलेटर पर थे। अब दुखद खबर है की सुप्रसिद्ध लोक कलाकार और उत्तराखंड सरकार में मंत्री रहे घनानंद घन्ना भाई देह त्याग कर परमात्मा में विलीन हो गए हैं। सोशल मीडिया पर उनके प्रशंसक पिछले कई दिनों से उनके स्वास्थ होने की प्रार्थना कर रहे थे। घन्ना भाई के यूरिन में ब्लड आने के कारण दो महीने पहले इंद्रेश हॉस्पिटल में उनका प्रोस्टेट का ऑपरेशन हुआ था.

हृदय गति रुकने से हुई मृत्यु

श्री महंत इंदिरेश अस्पताल देहरादून के पीआरओ भूपेन्द्र रतूड़ी ने उनके निधन की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि कुछ देर पहले हृदय गति रुकने से उनकी मृत्यु हो गई. अस्पताल के डॉक्टरों ने उन्हें सीपीआर देने की कोशिश की गई, लेकिन वो रिवाइव नहीं कर पाए.

कई उत्तराखंडी फिल्मों में किया अभिनय

उत्तराखंड के प्रसिद्ध हास्य कलाकार घनानंद का जन्म 1953 में गढ़वाल मंडल में हुआ था। उनकी शिक्षा कैंट बोर्ड लैंसडाउन, जिला पौड़ी में हुई। उन्होंने 1970 में रामलीलाओं में हास्य कलाकार के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। उन्होंने उत्तराखंड की कई फिल्मों में अभिनय किया, जिनमें घरजवैं, चक्रचाल, बेटी-ब्वारी, जीतू बगडवाल, घन्ना भाई एमबीबीएस, घन्ना गिरगिट, सतमंगल्या, ब्वारी हो त यनि और यमराज शामिल हैं। घनानंद ने 1974 में रेडियो और बाद में दूरदर्शन पर भी कई कार्यक्रम प्रस्तुत किए। घना भाई ने 2012 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर पौड़ी विधानसभा से चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद, वे भाजपा के लिए स्टार प्रचारक के रूप में सक्रिय रहे। आज 11 फरवरी 2025 को उनकी मृत्यु हो गई है.