देहरादून: साइबर ठगों के हर दिन कारनामे सामने आ रहे हैं। साइबर ठगी के एक नए मामले में गिरोह के सदस्यों ने मुंबई साइबर क्राइम के पुलिस अधिकारी बन फर्जी व्हाट्सएप वीडियो कॉल और मैसेज पर 9 दिन एक व्यक्ति को डिजिटल अरेस्ट रखा। 9 दिन तक चली इस डिजिटल प्रताड़ना में 2 करोड़ 27 लाख 23 हजार रुपए की ठगी कर दी गई।
Cyber fraud of Rs 2 cr 27 lakh by fake police officer
एसटीएफ ने मामले का खुलासा करते हुए मीडिया को जानकारी दी कि देहरादून के निरंजनपुर में एक व्यक्ति ने साइबर क्राइम की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। व्यक्ति ने कहा कि उसके मोबाइल पर मुंबई साइबर क्राइम ब्रांच से किसी पुलिस अधिकारी के नाम पर फर्जी फोन आया। इस फर्जी साइबर क्राइम पुलिस अधिकारी ने व्हाट्सएप कॉल और वीडियो कॉल की जिसमें ठग, पुलिस की यूनिफार्म पहन कर बैठा था। व्यक्ति के आधार कार्ड और मोबाइल से किसी बैंक खाते में अवैध पैसों के लेनदेन होने की कहानी बताई गई। इसके बाद व्यक्ति के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस और नेशनल सिक्योरिटी एक्ट की बात कह कर 24 घंटे के अंदर गिरफ्तारी का डर दिखाया गया।
गिरफ्तार हुआ जालसाज
इस तरह 9 दिनों तक व्यक्ति डिजिटल अरेस्ट रहा। पूरी ठगी में एसटीएफ ने दो करोड सत्ताइस लाख बाइस हजार सात सौ सत्रह रुपए की साइबर ठगी का मामला दर्ज किया है। पुलिस ने बताया है कि आरोपी नीरज भट्ट को साइबर क्राइम पुलिस की टीम ने जयपुर राजस्थान से गिरफ्तार कर लिया है। उसके कब्जे से इस घटना में प्रयुक्त बैंक खाते का सिम मोबाइल आदि चीज बरामद की गई है। आरोपी नीरज भट्ट ने धोखाधड़ी कर इस खाते का प्रयोग उत्तराखंड के अलावा अरुणाचल प्रदेश और महाराष्ट्र में भी किया था।