उत्तराखंड देहरादूनnew campaign of DM Savin Bansal Give education not alms

Dehradun: DM सविन बंसल का नया अभियान "भिक्षा नहीं शिक्षा दो", भीख मांगने वाले हाथों में पकड़ाई किताब-पेन

अब तक इस प्रोजेक्ट के तहत 23 से ज्यादा बच्चों को देहरादून के साधुराम इंटर कॉलेज में बने नए यूनिवर्सिटी केयर सेंटर में रखा गया है। यहां बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाई कराई जा रही है. इन बच्चों की पढ़ाई का खर्च जिला प्रशासन द्वारा उठाया जाएगा।

DM Savin Bansal: new campaign of DM Savin Bansal Give education not alms
Image: new campaign of DM Savin Bansal Give education not alms (Source: Social Media)

देहरादून: शिक्षा हर बच्चे का प्राथमिक अधिकारी है और हर बच्चे के लिए शिक्षा आवश्यक भी है, इसी के चलते जिलाधिकारी सविन बंसल ने जिला स्तर पर 'भिक्षा नहीं शिक्षा दो' नाम से एक खास मुहिम शुरू की है, ताकि सड़कों पर भीख मांगने और कूड़ा बीनने के लिए मजबूर बच्चों पढ़ाया जा सके। इस मुहिम के तहत, जिन बच्चों के हाथों में पहले भीख के कटोरे होते थे, अब उन हाथों में किताबें और कलम नजर आ रही हैं। इन बच्चों को जिला प्रशासन ने साधु राम इंटर कॉलेज में बने इंटेंसिव केयर सेंटर में लाने का काम किया है। अब उन्हें वहां पढ़ाया जा रहा है और उनकी जरूरतों का सामान भी दिया जा रहा है.

DM Savin Bansal's new campaign 'Give education, not alms'

डीएम सविन बंसल ने कहा कि बच्चे हमारे राज्य और देश का भविष्य हैं। जो बच्चे भीख मांगते हैं या कूड़ा बीनते हैं, उन्हें सेंटर में लाकर खेल और पढ़ाई कराई जा रही है। इसके साथ ही उन्हें खाना भी दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि धीरे-धीरे इन बच्चों में पढ़ाई और खेल के प्रति रुचि बढ़ती नजर आ रही है। हमें उम्मीद है कि ये बच्चे पढ़ाई करेंगे और फिर इनका स्कूल में दाखिला कराया जाएगा।

जिला प्रशासन उठाएगा पढ़ाई का खर्चा

अब तक इस प्रोजेक्ट के तहत 23 से ज्यादा बच्चों को देहरादून के साधुराम इंटर कॉलेज में बने नए यूनिवर्सिटी केयर सेंटर में रखा गया है। यहां बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाई कराई जा रही है. इन बच्चों की पढ़ाई का खर्च जिला प्रशासन द्वारा उठाया जाएगा। ये छोटे बच्चे पढ़ाई में काफी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। इस सेंटर में फर्नीचर, खेल के सामान और अन्य जरूरी चीजें मौजूद हैं, जिससे बच्चे न सिर्फ पढ़ाई में रुचि ले रहे हैं, बल्कि ड्राइंग, पेंटिंग और दूसरी गतिविधियों में भी अपनी प्रतिभा दिखा रहे हैं। जो बच्चे पहले गरीबी के कारण सड़कों पर भीख मांगते थे, अब वो किताबों और पेंसिल के जरिए अपने सपनों को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं।

बच्चों को सड़क से स्कूल तक लाने में सफल हो रहा अभियान

इन बच्चों को पढ़ाने वाले अध्यापक रामलाल ने बताया कि उनके पास आने वाले सभी बच्चे बाहरी हैं और पढ़ाई में बहुत रुचि दिखा रहे हैं। डीएम बंसल की ये पहल बच्चों को सड़क से स्कूल लाने में सफल हो रही है और साथ ही उन्हें आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बनाने में भी मदद कर रही है। उन्होंने कहा कि सेंटर में बच्चे अब खेल और अन्य गतिविधियों में भाग लेकर अपनी छिपी प्रतिभाओं को उजागर कर रहे हैं। ये सभी बच्चे पढ़ाई में भी काफी उत्साह दिखा रहे हैं। शिक्षक रवीना लांबा ने बताया कि शुरुआत में इन बच्चों को पढाने में थोड़ी मुश्किलें आईं, लेकिन अब एक महीने बाद बच्चे सीख रहे हैं और इनमें अनुशासन भी आ रहा है। कुल मिलाकर, यह पहल बच्चों को शिक्षा में आगे बढ़ाने के साथ-साथ उन्हें प्रेरित भी कर रही है।