देहरादून: बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए डीएम बंसल ने उत्कर्ष कार्यक्रम प्रोजेक्ट तैयार किया है। जिसके तहत छात्रों को आधुनिकता की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित किया जाएगा। साथ ही विद्यालयों के सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इसकी जानकारी देने के लिए मुख्य शिक्षाधिकारी प्रदीप कुमार रावत ने प्रधानाचार्यों के साथ एक बैठक की।
DM Savin Bansal's dream project for Govt Schools of Dehradun
मुख्य शिक्षाधिकारी प्रदीप कुमार रावत ने प्रधानाचार्यों के साथ बैठक के दौरान में कहा कि उत्कर्ष कार्यक्रम प्रोजेक्ट जिलाधिकारी की एक सार्थक पहल है। किसी भी कार्यक्रम को धरातल पर उतारना एक महत्वपूर्ण कड़ी है। उन्होंने कहा कि उत्कर्ष कार्यक्रम को क्रियान्वित करने में विद्यालय प्रधानाचार्यों की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि शासकीय विद्यालयों में उच्च योग्यता धारक शिक्षक हैं। एक शिक्षक का ध्यान दूरस्थ क्षेत्रों के बच्चों के सर्वांगीण विकास की ओर होना चाहिए। डीएम बंसल के इस ड्रीम प्रोजेक्ट की डेटलाइन दिसंबर महीने तक रखी गई है। जिले के सभी सरकारी विद्यालयों के शिक्षक अपने-अपने विद्यालय में सक्रियता से उत्कर्ष प्रोजेक्ट की कार्यवाही करेंगे। शिक्षा क्षेत्र में गुणवत्ता के लिए प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, हाईस्कूल, इंटर और उच्च शिक्षा के बीच संवाद होना आवश्यक है। विद्यालयों में आधारभूत ढांचा होना आवश्यक है।
बच्चों को नशे के खिलाफ जागरूक करें शिक्षक
उत्कर्ष कार्यक्रम के अंतर्गत सभी शिक्षकों की भूमिका विद्यालय की चहारदीवारी से बाहर समाज के एक नेता के रूप में भी है। मुख्यशिक्षाधिकारी ने कहा कि आजकल छात्रों में नशे की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। इसे रोकने में भी शिक्षक की अहम भूमिका होनी चाहिए। बच्चों की ऊर्जा को रचनात्मक कार्यों की ओर प्रवृत्त के लिए उन्हें दिशा निर्देश करना होगा।
कॉन्वेंट वाली सुविधाएं सरकारी स्कूल में भी
मुख्य शिक्षाधिकारी ने बताया कि अब डीएम बंसल के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत देहरादून के अंतर्गत आने वाले सभी सरकारी विद्यालय, कॉन्वेंट विद्यालय की तर्ज पर आधुनिक सुविधाओं से लैस किए जाएंगे। जिले के हर सरकारी विद्यालय में व्हाइट बोर्ड, हर कक्ष में एलईडी बल्ब या ट्यूब लाइट फर्नीचर के साथ बंदरों से सुरक्षित पानी टैंक व आउटडोर तथा इंडोर खेलों की व्यवस्था के लिए पर्याप्त खेल सामग्री उपलब्ध जाएगी। बैठक के दौरान कुछ प्रधानाचार्यों ने सुझाव दिए कि बच्चों को छात्रवृति की सुविधा देकर उनको प्रेरित किया जा सकता है। साथ ही विद्यालयों के पुस्तकालय को समृद्ध करने के भी सुझाव दिए।