रुद्रप्रयाग: पांडवसेरा मद्महेश्वर ट्रैक रूट मई महीने से लेकर नवंबर माह के मध्य तक ट्रैकिंग करने के लिए अनुकूल होता है। पांडवसेरा नंदीकुंड ट्रेक 18 हजार फीट की ऊंचाई से गुजरने वाला 78 किमी लंबा ट्रैक है। ट्रैकर पांडवसेरा तक इस रूट को लगभग चार दिन में तय कर पाते हैं। इस ट्रैक पर मौसम खराब होने पर बर्फबारी शुरु हो जाती है।
The route connecting the three Kedars becoming popular
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार केदारनाथ धाम में जब पांचों पांडवों को भगवान शंकर के पृष्ठ भाग के दर्शन हुए तो पांडवों ने द्रौपदी सहित मद्महेश्वर धाम होते हुए मोक्षधाम बदरीनाथ के लिए गमन किया। मद्महेश्वर धाम में पांचों पांंडवों ने अपने पूर्वजों के तर्पण दान किए, जिसके साक्ष्य आज भी एक शिला पर मौजूद हैं। मद्महेश्वर धाम से बद्रीनाथ की यात्रा करते समय पांचों पांडवों ने कुछ समय के लिए यहां निवास किया, जिस कारण ये स्थान पांडव सेरा के नाम से विख्यात हुआ। यहां पांडवों द्वारा निर्मित सिंचाई नहर हैं जिनमें जल प्रवाह निरन्तर होता रहता है।
ये भी पढ़ें: