देहरादून: राजधानी के सरकारी स्कूलों में बच्चों को अब ज़मीन पर बैठकर पढ़ाई नहीं करनी पड़ेगी, साथ ही स्कूल में स्मार्ट बोर्ड, झूले, फर्नीचर, पुस्तकालय आदि उपलब्ध किए जाएंगे।
Government Schools of Dehradun Will Be Hi-Tech
देहरादून जिले के सरकारी स्कूलों में अब तकनीकी और सुविधाओं के नए आयाम जुड़ने जा रहे हैं। क्लासरूम में ब्लैकबोर्ड की जगह डिजिटल स्क्रीन का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे शिक्षा के अनुभव को और बेहतर बनाया जाएगा। इसके साथ ही क्लास 1 से 5 तक के बच्चों के लिए स्कूल में झूले लगाने की योजना भी है, जिससे बच्चों के खेलने-कूदने की सुविधा बढ़ेगी। स्कूल की दीवारों को सुंदर बनाने पर भी ध्यान दिया जाएगा। इस पहल का नेतृत्व डीएम सविन बंसल कर रहे हैं, जो अपनी प्रभावी कार्यशैली के लिए प्रसिद्ध हैं।
डीएम बंसल का लक्ष्य बच्चों का समग्र विकास सुनिश्चित करना
सरकारी स्कूलों में बच्चों के समग्र विकास को लेकर डीएम सविन बंसल की गंभीरता स्पष्ट नजर आ रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षा का अधिकार हर बच्चे का मौलिक अधिकार है और यह हमारी जिम्मेदारी है कि कोई भी बच्चा आवश्यक सुविधाओं से वंचित न रहे। बच्चों के लिए स्कूल का समय प्रोडक्टिव होना बेहद जरूरी है। जिले के कई निजी स्कूलों में नवीनतम तकनीकों का उपयोग कर बच्चों को शिक्षा दी जा रही है, जिससे न केवल उनका आत्मविश्वास बढ़ता है बल्कि ज्ञान भी विस्तार पाता है। इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए, डीएम बंसल ने सरकारी स्कूलों में डिजिटल बोर्ड लगाने का निर्णय लिया है।
3 करोड़ से होगा सरकारी स्कूलों में सुविधाओं का विकास
डीएम सविन बंसल ने बताया कि सरकारी स्कूलों में बैठने के लिए उचित फर्नीचर की व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया गया है। छोटे बच्चों के लिए आउटडोर खेल गतिविधियों का आयोजन भी आवश्यक है, ताकि उनका मानसिक और शारीरिक विकास एक साथ हो सके। इसके अलावा प्रत्येक स्कूल में पुस्तकालय स्थापित करने की योजना भी बनाई गई है। डीएम ने बताया कि इस पहल के लिए सभी खंड अधिकारियों और संबंधित अधिकारियों के साथ चर्चा के बाद दो महीने का समय निर्धारित किया गया है, जिसकी मॉनिटरिंग एसडीएम और शिक्षा अधिकारियों द्वारा की जाएगी। इसके लिए जिला खनिज न्यास निधि से 3 करोड़ रुपये रिजर्व किए गए हैं, जो चीफ एजुकेशन ऑफिसर की मांग के अनुसार किस्तों में जारी किए जाएंगे।