देहरादून: उत्तराखंड में चार असिस्टेंट प्रोफेसरों को उच्च शिक्षा विभाग द्वारा कई बार पर नोटिस देने के बाद भी पिछले 20 साल बिना सूचना के नदारद रहे। चार में से किसी ने भी नोटिस का कोई जबाव नहीं दिया और लगातार बिना किसी सूचना के गैरहाजिर रहे। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने चारों को बर्खास्त करने की स्वीकृति दे दी है और अब शासन स्तर से आदेश जारी कर दिये गये हैं।
Four Assistant Professors Dismissed from Job
उच्च शिक्षा विभाग के गवर्मेंट डिग्री कॉलेजों में बीस साल से गैरहाजिर चल रहे 4 असिस्टेंट प्रोफेसरों को कई बार नोटिस जारी करने के बाद भी वो ड्यूटी पर नहीं आये तो उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। उत्तराखंड के पिछले बीस सालों से गैरहाजिर प्रोफेसरों में इन्द्रजीत सिंह, डॉ. नन्दिनी सिंह, ए.के. राय और डॉ. नरेश मोहन चड्ढ़ा शामिल हैं। चारों प्रोफेसर साल 2004 से लगातार गैरहाजिर चल रहे थे।
कई बार भेजे गए चेतावनी पत्र
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा कई बार चेतावनी पत्र चरों प्रोफेसरों को भेजे गए। पत्रों में पंद्रह दिन के भीतर ड्यूटी पर आने के आदेश दिए गए थे और अवेहलना करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई के बाबत भी लिखा गया। यही नहीं, विभाग ने प्राध्यापकों को जारी नोटिस, समाचार पत्रों में भी प्रकाशित कराये। किसी भी प्राध्यापक के विभागीय पत्रों का कोई भी जवाब नहीं दिया जाने के बाद विभाग ने अब एक्शन लिया है। अवैध रूप से अनुपस्थित चल रहे चार असिस्टेंट प्रोफेसरों की सेवा समाप्ति की कार्रवाई अमल में लाई गयी है जिसे शिक्षा मंत्री धनसिंह रावत ने मंजूरी दे दी है।