हल्द्वानी: उत्तराखंड राज्य ओलंपिक में मोहित साहू ने 300 रुपये की कबाड़ की साइकिल से कांस्य पदक जीतकर आर्थिक तंगी के बावजूद अपने हौसले और दृढ़ता से महंगी साइकिल और स्पेशल जूतों वाले प्रतिभागियों को मात दी।
Uttarakhand State Olympics: Mohit Won Bronze Medal with Crap Cycle
सपनों की उड़ान साधनों पर निर्भर नहीं, बल्कि मजबूत इरादों पर होती है। बनभूलपुरा के मोहित साहू ने इसे हकीकत बना दिखाया। 300 रुपये में कबाड़ से खरीदी गई साइकिल को खुद मरम्मत कर, मोहित ने राज्यस्तरीय साइकिल रेस में भाग लिया, जहां अन्य प्रतिभागी लाखों की साइकिल और महंगे जूते पहने हुए थे। लेकिन मोहित के पास आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प था कि वह रेस में पदक जरूर जीतेगा। कक्षा 11वीं के इस छात्र ने अपनी मेहनत से कई खेलों में राज्यस्तरीय स्पर्धाओं में पदक जीते हैं, हालांकि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर है।
कबाड़ की साइकिल से पदक जीतकर रचा इतिहास
जज्बा हो तो हालात कभी रुकावट नहीं बनते। गौलापार स्टेडियम बंद होने की वजह से मोहित साहू को वहां के गार्ड से पता चला कि बाईपास पर साइकिलिंग स्पर्धा होने वाली है। मोहित ने उसी रात अपनी पुरानी साइकिल खुद रिपेयर की और भांजे से हेलमेट उधार लेकर प्रतियोगिता में पहुंच गया। पहली बार किसी स्पर्धा में भाग लेने के बावजूद उसका हौसला बुलंद था और उसने पदक जीतकर इसे साबित भी किया। साइकिलिंग एसोसिएशन ने मोहित की मदद का वादा किया है और उसे एक अच्छी साइकिल स्पॉन्सर करने की वादा भी किया है।