उत्तराखंड देहरादूनArmy Woman Scammed of Rs 15 Lakh in Digital Arrest Fraud

Uttarakhand News: भारतीय सेना की नर्स को साइबर ठगों ने 5 घंटे रखा Digital Arrest, 15 लाख रूपये लूटकर छोड़ा

उत्तराखंड में डिजिटल आरेस्ट कर साइबर ठगी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। इस बार सेना की नर्स को ठगों ने अपना शिकार बनाया है।

Cyber Crime in Dehradun: Army Woman Scammed of Rs 15 Lakh in Digital Arrest Fraud
Image: Army Woman Scammed of Rs 15 Lakh in Digital Arrest Fraud (Source: Social Media)

देहरादून: साइबर ठगों ने सेना में तैनात महिला को डिजिटल गिरफ्तारी के झांसे में लेकर 15 लाख रुपये ठग लिए। रायपुर पुलिस ने अज्ञात आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

Army Woman Scammed of ₹15 Lakh in Digital Arrest Fraud

पुलिस को दी गई रिपोर्ट में रायपुर निवासी नीरू ने बताया कि वह भारतीय सेना में मिलिट्री नर्सिंग स्टाफ के रूप में तैनात हैं, वर्तमान में अपने घर देहरादून आई हुई हैं। 17 अगस्त की सुबह उन्हें एक फोन कॉल आई, जिसमें बताया गया कि उनके बैंक खाते में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर बंद किया जा रहा है। कॉल करने वाले ने मोबाइल के की-पैड से नौ नंबर दबाने के लिए कहा, जिसके बाद एक व्यक्ति फोन पर जुड़ा और नीरू को सूचित किया कि उनके आईडी पर एक और मोबाइल नंबर 15 जुलाई को एक्टिवेट किया गया है जो मुंबई में चल रहा है।

वीडियो कॉल में पुलिस की वर्दी पहने था आरोपी

उसने जानकारी दी कि जिस व्यक्ति द्वारा यह नंबर उपयोग किया जा रहा है, उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, इसलिए नीरू की आईडी पर चल रहे सभी नंबर बंद किए जा रहे हैं। इसके बाद अधिक जानकारी के लिए कॉल ट्रांसफर कर मुंबई पुलिस अधिकारी से बात करने को कहा गया। महिला ने बताया कि उसके बाद आरोपितों ने वीडियो कॉल के माध्यम से संपर्क किया, जिसमें एक व्यक्ति पुलिस की वर्दी में था। उसने खुद को प्रदीप सावंत बताया और नीरू के बारे में पूरी जानकारी एकत्र करने लगा। इस व्यक्ति ने कहा कि नीरू के कैनरा बैंक खाते का उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग में किया गया है और यह एक बड़े घोटाले से जुड़ा मामला है। इसके बाद नीरू की बात एक अन्य व्यक्ति से कराई गई, जिसे सीबीआई इंस्पेक्टर राजेश मिश्रा के रूप में पेश किया गया।

पांच घंटे तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा महिला को

मिश्रा ने नीरू को डराया कि उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं और अदालत केवल साक्ष्यों को मानती है। कॉल करने वाले ने एक खाता नंबर भेजा और मामले को निपटाने के लिए तत्काल 15 लाख रुपये जमा करने को कहा। नीरू ने यह राशि ट्रांसफर कर दी। साइबर ठगों ने उन्हें सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर 3 बजे तक ऑनलाइन रखकर डराया और पहचान-पत्र भेजे, साथ ही चेतावनी दी कि यदि किसी को इसके बारे में जानकारी दी तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जब नीरू ने आरोपितों की सच्चाई को लेकर जाँच की, तो पता चला कि वे न तो मुंबई पुलिस से हैं और न ही सीबीआई से, बल्कि साइबर ठग हैं। इस मामले में रायपुर थाना पुलिस ने अज्ञात आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।