रुद्रप्रयाग: इस कानून में स्पष्ट रूप से निर्धारित किया गया है कि उत्तराखंड के चारों धाम और अन्य प्रतिष्ठित मंदिरों के नाम पर कहीं और मंदिर बनाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस कदम का उद्देश्य राज्य के धार्मिक स्थलों की पहचान और महत्ता को बनाए रखना है।
Kedarnath Temple Will not be Built in Delhi: Trust President Resigns
दिल्ली में केदारनाथ धाम के नाम पर मंदिर बनाने की योजना अब समाप्त हो गई है। उत्तराखंड सरकार और स्थानीय विरोध के चलते धामी सरकार ने इस मुद्दे पर सख्त कानून पारित किया है, जिसके तहत उत्तराखंड के प्रमुख धार्मिक स्थलों के नाम का उपयोग कहीं और मंदिर बनाने के लिए नहीं किया जा सकता। इसके प्रभाव के बाद श्री केदारनाथ धाम दिल्ली ट्रस्ट ने मंदिर निर्माण की योजना को रोकने का फैसला किया है।
ऑनलाइन डोनेशन पर भी लगेगी पाबंदी
ट्रस्ट के अध्यक्ष सुरेंद्र रौतेला ने अपने इस्तीफे के साथ इस निर्णय की पुष्टि की और नए अध्यक्ष के रूप में सुमन मित्तल के नाम की घोषणा की। रौतेला ने रविवार को जारी पत्र में बताया कि मंदिर का निर्माण अब नहीं होगा और ट्रस्ट की गतिविधियां बंद कर दी जाएंगी। सुमन मित्तल द्वारा जारी पत्र में भी मंदिर न बनाने और ऑनलाइन चंदा रोकने की बात की गई है। यह कदम धामी सरकार के सख्त कानून और जनसमर्थन के बाद उठाया गया है।