देहरादून: सोशल मीडिया पर देहरादून में गुंडागर्दी, तोड़फोड़ और मारपीट के कई विडियो इस समय वायरल हो रहे हैं। इन विडियो को देख कर लगता ही नहीं कि ये उसी देहरादून के विडियो हैं जहां की पढ़ाई और शिक्षा के माहौल की पूरे देश में चर्चा होती थी। इन विडियो को देखकर तो ऐसा लगता है कि ये किसी ऐसे शहर के विडियो हैं जहां पुलिस और कानून नाम की कोई चीज बसर नहीं करती, रहती है तो बस गुंडागर्दी, तोड़फोड़ और मारपीट।
Law and order vanished in Dehradun, hooliganism rampant everyday
आपने भी कई शहरों को राजधानी बनने के बाद विकसित होते देखा होगा, देहरादून के हालात प्रदेश की राजधानी बनने के बाद बद से बदतर होते हुए आप देख ही रहे होंगे। सबसे पहले आप सोशल मीडिया पर वायरल देहरादून का ये विडियो देखिये...
देहरादून में बाहर से आने वाली गाड़ियों को बीच सड़क पर गाड़ी खड़ी करके झगडे करने के किस्से भी अख़बारों की सुर्खियाँ बनते रहते हैं। विडियो में साफ़ साफ़ देखा जा सकता है कि बाहर के नंबर वाली गाड़ी में सरेआम किसी व्यक्ति को जबरदस्ती मारपीट कर बैठाया जा रहा है। देहरादून की भीड़भाड़ वाली रोड पर सरेआम गुंडागर्दी करते समय ना दूर दूर तक पुलिस है ना ही पुलिस का खौफ। जाने क्या हुआ है देहरादून के पुलिस महकमे को कि शहर में कानून व्यवस्था है.. इस बात को आप साबित करने निकलें तो शहर के लोग आपका मजाक उड़ाने लगेंगे। आम जनता के पास पुलिस को नाकारा कहने के कारण हैं.। और उन्हीं में से एक कारण ये एक दूसरा विडियो देखिये... देहरादून में अब नोएडा, गुड़गांव, फरीदाबाद वाला अनुभव होने लगा है। शराब है, नाइट क्लब्स हैं, ड्रग्स है, गुट हैं, गुंडे हैं, सड़क है और सड़क पर गुंडागर्दी है। जो चीज नहीं है वो है कानून व्यवस्था, लफंगों में पुलिस और कानून का डर और उत्तराखंड की राजधानी होने का एहसास.. देवभूमि की राजधानी होने का एहसास। उत्तराखंड सरकार के भयमुक्त समाज के वादे निभाने का शायद ये सही वक्त है। उत्तराखंड पुलिस को भी चाहिए कि मित्रता भूल अब डंडा उठाए और एक खूबसूरत शहर को बर्बाद होने से बचाए।