उत्तराखंड चमोलीBasudev Singh Paroda martyred in Leh-Ladakh farewell on Rakshabandhan

Uttarakhand News: चमोली के हवलदार बसुदेव सिंह लेह-लद्दाख में शहीद, रक्षाबंधन पर भावभीनी विदाई

रक्षाबंधन के दिन उत्तराखंड के लिए एक दुखद खबर आई, देवभूमि का एक जवान शहीद हो गया। इस दुखद खबर से परिवार में मातम छा गया।

Basudev Singh Paroda: Basudev Singh Paroda martyred in Leh-Ladakh farewell on Rakshabandhan
Image: Basudev Singh Paroda martyred in Leh-Ladakh farewell on Rakshabandhan (Source: Social Media)

चमोली: लद्दाख में एक्सरसाइज क्लोजिंग के दौरान हुए ब्लास्ट में उत्तराखंड के हवलदार बसुदेव सिंह परोडा शहीद हो गए। लद्दाख क्षेत्र के लेह में शहीद उत्तराखंड के चमोली जिले के हवलदार बसुदेव सिंह परोडा का पार्थिव शरीर आज घर पंहुचा तो परिवार बिलख उठा, गांव वालों की आँखें भर आईं। शहीद बसुदेव का अंतिम संस्कार उनके पैतृक घाट मोटूगाड में किया गया।

Basudev Singh Paroda martyred in Leh-Ladakh, last farewell on Rakshabandhan

उत्तराखंड में चमोली जिले के गैरसैंण के सारकोट गांव निवासी हवलदार बसुदेव सिंह 30 वर्ष के थे। बसुदेव 2010 में भारतीय सेना में भारती हुए थे। वो लेह में भारतीय सेना की बंगाल इंजीनियरिंग की 55 रेजिमेंट में तैनात थे। लेह-लद्दाख में एक्सरसाइज क्लोजिंग के दौरान हुए ब्लास्ट में शेल्टर की चपेट में आने से शहीद हो गए। इस हादसे में दो अन्य जवान भी गंभीर रूप से घायल हो गए। 19 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन उनका पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचा।
गैरसैंण बाजार पहुंचने पर स्थानीय लोगों और व्यापारियों ने सेना के वाहनों पर फूल चढ़ाए। 'भारत माता की जय', 'जब तक सूरज चांद रहेगा, बसुदेव तेरा नाम रहेगा' और 'शहीद जवान बसुदेव सिंह अमर रहे' नारों के बीच उनके पार्थिव शरीर को उनके गांव ले जाया गया। बसुदेव का पार्थिव शरीर देख उनकी पत्नी, बेटा-बेटी, माता-पिता और बहन बिलख उठे।

बंगाल इंजीनियरिंग की 55 रेजिमेंट में थे तैनात

शहीद बसुदेव सिंह परोडा लद्दाख के लेह में बंगाल इंजीनियरिंग की 55 रेजिमेंट में तैनात थे। उन्होंने जीआईसी मरोड़ा से इंटर की पढ़ाई पूरी की थी। चार भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। वे अप्रैल में छुट्टी बिताकर घर लौटे थे और दीपावली पर वापस आने का वादा किया था। उनके दो बड़े भाई, जगदीश और सतीश प्राइवेट जॉब करते हैं और उनकी बहन विवाहित हैं। उनके पिता भी सेना से रिटायर हवलदार हैं। आज शहीद बसुदेव सिंह परोड़ा का अंतिम संस्कार उनके गांव सारकोट के पैतृक घाट मोटूगाड में किया गया। उनके बड़े भाई ने मुखाग्नि दी जिसके बाद शहीद बसुदेव पंचतत्व में विलीन हो गए।