रुद्रप्रयाग: अगस्त महीने की शुरुवात में ही गौरीकुंड से केदारनाथ धाम के बीच जबरदस्त बारिश ने आपदा की याद दिला दी। अगले दिन सुबह गुप्तकाशी के ठीक नीचे बैराज पर दीखता मंजर रूह कंपा देने वाला था। इंसानी शरीर के भी कुछ हिस्से ऊपर से आये मलबे में साफ़ दिख रहे थे। आस पास के गांवों के कई लापता लोगों के घरों में मातम की स्थिति है। अब तक करीब 7 हजार से अधिक लोगों का रेस्क्यू हो चुका है। शुक्रवार को 2,980 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है, जिनमें से 599 को हेलिकॉप्टर से लाया गया है। हालांकि आज शनिवार को भी अबतक 700 यात्रियों का सफल रेस्क्यू किये जाने की खबर है, लेकिन लगभग 200 लोग जिनमें कई लोकल भी शामिल हैं, लापता बताये जा रहे हैं।
Over 200 Still Missing/Stranded in Kedarnath Disaster 2024
केदारनाथ धाम में फंसे यात्रियों को बाहर निकालने का काम जारी है। NDRF का रेस्क्यू ऑपरेशन तीसरे दिन शनिवार को भी जारी है। बादल फटने के बाद केदारनाथ में फंसे करीब 7,000 से ज्यादा लोगों को अब तक रेस्क्यू किया जा चुका है। सेना का चिनूक और MI 17 हेलीकाप्टर भी रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल हैं। केदार घाटी के लिनचोली में दो शव बरामद किए गए हैं, जबकि कई परिवार अभी भी लापता हैं। आज शनिवार को गौरीकुंड-सोनप्रयाग के बीच लगभग 700 यात्रियों का सफल रेस्क्यू किया जा चुका है।
लगभग 200 यात्रियों से नहीं हो पा रहा संपर्क
केदारनाथ पैदल मार्ग पर हुई भारी बारिश के बाद से डेढ़ सौ से अधिक यात्रियों और कुछ स्थानीय लोगों का अपने परिजनों से संपर्क नहीं हो पाया है। केदारनाथ में संचार सेवाएं ठप होने से मोबाइल नेटवर्क काम नहीं कर रहा है, जिससे संपर्क संभव नहीं हो पा रहा है। कई यात्री जंगलों के रास्ते चौमासी पहुंच रहे हैं, यहाँ भी मोबाइल सेवा उपलब्ध नहीं है। पुलिस का कहना है कि शनिवार तक रेस्क्यू कार्य पूरा होने की उम्मीद है, जिससे यात्रियों की स्थिति और सही जानकारी मिल सकेगी।