उत्तराखंड रुद्रप्रयागLord Shiva Will Be Worshiped With 3100 Fruits Every Day in Kedarnath

Kedarnath: सावन में प्रतिदिन होगी 3100 फलों से बाबा की पूजा, विश्व कल्याण की कामना के लिए विशेष अर्चना

श्रावण मास के पहले सोमवार को केदारनाथ धाम में प्रदेश की सुख, शांति, समृद्धि और ऐश्वर्य के लिए विशेष पूजा की गई। मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग ने सभी देशवासियों को श्रावण मास की हार्दिक शुभकामनाएं दीं।

kedarnath sawan Pooja: Lord Shiva Will Be Worshiped With 3100 Fruits Every Day in Kedarnath
Image: Lord Shiva Will Be Worshiped With 3100 Fruits Every Day in Kedarnath (Source: Social Media)

रुद्रप्रयाग: धाम के मुख्य पुजारी ने बताया कि द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारेश्वर ज्योतिर्लिंग दिव्य हिमालय के ऊँचे शिखर पर स्थित है। यहाँ सतयुग से लेकर अब तक भगवान शंकर की निरंतर पूजा-अर्चना होती आ रही है। पवित्र श्रावण मास भगवान शिव की आराधना का प्रमुख पर्व है। इस महीने में विश्व कल्याण के लिए प्रतिदिन विशेष पूजा के दौरान 3100 फल अर्पित किए जाएंगे।

Lord Shiva Will Be Worshiped With 3100 Fruits Every Day in Kedarnath

धाम के मुख्य पुजारी ने बताया मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय, मुख्य कार्यकारी अधिकारी योगेंद्र सिंह और तीर्थ पुरोहित समाज के सहयोग से इस पवित्र धाम में प्रतिदिन पूजा-अर्चना की जा रही है। इस वर्ष श्रावण मास के महापर्व में प्रतिदिन भगवान शिव को फलों से विशेष अर्चना की जाएगी। श्रावण मास के पूरे एक महीने तक भगवान शिव की विशेष पूजा का आयोजन होगा। यह पूजा विश्व की शांति और कल्याण के लिए समर्पित है। उन्होंने भगवान केदारनाथ से सभी देशवासियों और शिव भक्तों के कल्याण की प्रार्थना की है।

अनुष्ठान का उद्देश्य विश्व में शांति और समृद्धि लाना

नासिक से केदारनाथ धाम पहुंचे संविदानंद मंडलेश्वर ने जानकारी दी कि केदारनाथ धाम में पूरा श्रावण मास विशेष अनुष्ठान के तहत मनाया जा रहा है। इस एक महीने के दौरान प्रतिदिन 3 हजार वस्तुओं को ईश्वर को अर्पित किया जाएगा, जिनमें रोजाना 3100 फलों की भेंट शामिल होगी। ये फल चढ़ावे के बाद श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में वितरित किए जाएंगे। इस अनुष्ठान को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि इसका मुख्य लक्ष्य पूरी दुनिया में शांति, एकता, और समृद्धि लाना है। श्रावण मास के पहले सोमवार को ब्रह्म कमल से भगवान शिव की पूजा की गई। उन्होंने श्रावण मास की शुभकामनाएं देते हुए सभी के सुखमय और समृद्ध भविष्य की कामना की है।