उत्तराखंड हरिद्वारKanwar Yatra is Starting From 22nd July 2024

हरिद्वार: 22 जुलाई से शुरू हो रही है कांवड़ यात्रा, भोले भक्त इन बातों का ध्यान रखकर आएं कुंभनगरी

भोले की नगरी में 22 जुलाई से कांवड़ यात्रा का आयोजन होने जा रहा है इस बीच देहरादून पुलिस मुख्यालय में कांवड़ यात्रा को लेकर अहम बैठक हुई जिसमें कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

Kanwar Yatra is starting: Kanwar Yatra is Starting From 22nd July 2024
Image: Kanwar Yatra is Starting From 22nd July 2024 (Source: Social Media)

हरिद्वार: कांवड़ यात्रा में कई राज्यों से श्रद्धालु यहाँ पहुँचते हैं इसलिए उत्तर भारत के 9 पड़ोसी राज्यों को लेकर इसपर मंथन किया गया, साथ ही इस बैठक में सीआरपीएफ, रेलवे सुरक्षा बल और इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारी भी जुड़े।

Kanwar Yatra is Starting From 22nd July 2024

जनपद हरिद्वार में हर साल सावन के में कांवड़ यात्रा का आयोजना होता है जिसमें शिव जी के भक्त कांवड़ में गंगा जल भरकर लाते हैं और शिवलिंग का अभिषेक करते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से भोलेनाथ की विशेष कृपा बरसती है। इस बार कांवड़ यात्रा 22 जुलाई से 2 अगस्त तक होनी है जिसको लेकर पुलिस प्रशासन भी सख्त हो गए हैं। इस यात्रा में हर साल लाखों की संख्या में यात्री हरिद्वार पहुँचते हैं, जिस कारण यातायात पूरी तरह से प्रभावित होता है। इन सबको ध्यान में रखकर बैठक आयोजित हुई जिसमें पड़ोसी राज्य दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब, जम्मू कश्मीर, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ की पुलिस इस बैठक का हिस्सा बने और यात्रा की व्यवस्थाओं पर चर्चा की गई।

सात फिट से ऊँची कांवड़ पर रोक

कांवड़ यात्रा के दौरान डीजे पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने केवल अस्पताल और स्कूल क्षेत्र के आस-पास शोर को नियंत्रित करने की बात कही है। यूपी में भी यही स्थिति रहेगी और यहां भी डीजे पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। हालांकि स्पष्ट किया गया है कि किसी भी उपद्रवी या शरारती तत्वों से सख्ती से निपटा जाएगा। कांवड़ यात्रा को लेकर प्रदेश में कांवड़ क्षेत्र को 15 सुपर जोन, 36 जोन और 130 सेक्टर में विभाजित किया गया है, जहां लगभग 7 हजार पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। यात्रा में सीसीटीवी कैमरा और ड्रोन की मदद ली जाएगी, हरिद्वार में एक विशेष कंट्रोल रूम भी रहेगा। कांवड़ मेले में कांवड़ियों को अपना परिचय पत्र साथ रखना होगा। इसके अलावा 7 फीट से ऊंची कांवड़ बनाने और रेल की छतों पर सफर करने पर भी प्रतिबंध है। कांवड़ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को ध्यान में रखते हुए यातायात रूट प्लान में बदलाव किया जा सकता है। चारधाम यात्रा को देखते हुए तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए अलग से मार्ग निर्धारित किया गया है।

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